झुंझुनूताजा खबर

झुंझुनू का एक आत्मनिर्भरता की और अग्रसर आयुर्वेद औषधालय

आयुर्वेद औषधालय की ग्रामीणों ने पलट दी काया

कम्पाउंडर और ग्रामीणों ने लगाए औषधियो के पौधे

झुंझुनूं, यूं तो आपको हर बड़े गांव में राजकीय आयुर्वेद औषधालय मिल जाएंगे परंतु आप को इंडाली गांव का आयुर्वेद औषधालय अपनी एक अलग ही पहचान रखता है। अधिकांशतः आयुर्वेद औषधालयों में दवाएं सरकार की ओर से दी जाने वाली ही मिलती है पर इंडाली गांव के औषधालय में आपको वहां पर तैयार किए गए पौधों की दवाई मिलेगी। झुन्झुनू शहर से 15 किलोमीटर दूर इण्डाली गांव का राजकीय आयुर्वेद औषधालय ऐसा है जहां बीमारी की दवा भी नहीं मिलती तो चिंता करने की कोई बात नहीं आपको वहां पर मौजूद चिकित्सक या कम्पाउडर बस इतना ही कहेगा कि आपको औषधालय परिसर में लगाए गए अनेक प्रकार की आयुर्वेद पौधों से आपका इलाज किया जाएगा। छोटे से औषधालय परिसर में चिकित्सक व कमपाऊडर ने ग्रामीणों के सहयोग से सैकड़ों की तादाद में औषधीय पौधे लगाकर मिसाल कायम की है। डॉ पवन कुमार यादव ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से व औषधालय में कार्यरत कम्पाउडर नारायण लाल के सहयोग से करीब 105 आयुर्वेद में काम आने वाले पौधे लगाए गए हैं जिनसे यहां पर आने वाले मरीजों को इनके बारे में बताया जाता है और उन्हें इन पौधों से बनी दवाई दी जाती है । साथ ही उन्हें कई प्रकार के पौधे भी दिए जाते हैं जिनको वह अपने घर लगाए और समय पर उनकी देखभाल करें तथा तबियत खराब होने पर बताई गई विधि से उन पौधों की दवाओं का उपयोग करें । कम्पाउडर नारायण लाल ने बताया कि करीब 3 साल पहले ग्रामीणों के सहयोग से यहां पर चंदा करके कई प्रकार के औषधि पौधे लगाए गए थे । जिनमें ग्रामीणों की ओर से समय-समय पर पानी देना खाद देना जैसे कार्य करते आए हैं। उसी का नतीजा है कि यहां पर आज कई प्रकार के जैसे गुड़मार की बेल ,लेमन घास, पत्थरचट्टा ,नाग दान ,अंजीर, पारिजात ,तेजपत्ता ,शतावरी, आंवला, सफेद व नीली गूगल, अडूसा ,सफेद चंदन ,समेत सैकड़ों प्रकार के औषधीय पौधे लगाए गए हैं। यहाँ की व्यवस्थाओ को देखकर कहा जा सकता है कि यह आयुर्वेद औषधालय पहले ही चिकित्सा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की और अग्रसर है।

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