चिकित्सकों ने सीखा और देखा
शहर के मेट्रो अस्पताल में शनिवार को थ्री डी मेस हर्निया की लाइव सर्जरी की गई। झुंझुनूं में इस तरह का यह पहला केस था। इसमें जिलेभर के सरकारी और गैर सरकारी चिकित्सकों ने भाग लिया। जयपुर के फोर्टिस एस्कॉट्र्स हॉस्पिटल के सौजन्य से स्थानीय डॉक्टरों के लिए यह निशुल्क सर्जरी की गई। इसका उद्देश्य झुंझुनूं जिले के ग्रामीण इलाकों के डॉक्टरों की सर्जरी के मामले में जानकारी बढ़ाना था। जनरल सर्जन डॉ राजेश शर्मा के साथ डॉ पुष्पेंद्र ने इंग्विनल हर्निया और वेंट्रल हर्निया.-ट्रांसएब्डॉमिनल प्री-पेरिटोनियल (टीएपीपी) सर्जरी कर चिकित्सकों को दिखाई। पूरी सर्जरी में करीब एक घंटा लगा। झुंझुनूं में जिस व्यक्ति की सर्जरी की गई, उसे इसके लिए एक भी रुपया खर्च नहीं करना पड़ा। कार्यशाला में स्थानीय डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें लाइव सर्जरी से काफी कुछ सीखने को मिला। इस दौरान झुंझुनूं के डॉ राजेश कटेवा, डॉ सहीराम, डॉ संजय धनकड़, डॉ शक्ति सिंह, डॉ राजेंद्र सिंह गजराज, डॉ उमेश, डॉ गौरव बूरी, डॉ विनय जानू सहित अनेक चिकित्सक मौजूद थे। डॉ राजेश शर्मा ने चिकित्सकों को बताया कि हर्निया इंग्विनल, फेमोरल, अम्बिलिकल, इंसीजनल, एपिगैस्ट्रिक हर्निया और हियटल हर्निया आदि कई प्रकार के होते हैं। इन्ग्विनल हर्निया मेें आंत के एक हिस्से का टिश्यू पेट की मांसपेशियों के किसी कमजोर हिस्से से बाहर आ जाता है। यह काफी दर्दनाक हो सकता है, खासकर तब जब मरीज को खांसी होती है, वह झुकता है अथवा कोई भारी वस्तु उठाता है। वेंट्रल हर्निया टिश्यू का जमाव होता यह पेट के वॉल में किसी भी जगह हो सकता है। डॉ शर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में हम हर्निया को ठीक करने के लिए यह सर्जरी करते हैं। नई तकनीक से होने वाली सर्जरी में मरीज को सर्जरी के बाद कम से कम दर्द होता है।