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झुंझुनूं में महिला सशक्तिकरण एवं उच्च शिक्षा विषय पर सम्मेलन का आयोजन

जिला मुख्यालय स्थित महर्षि दयानन्द बालिका विज्ञान पी.जी. महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण एवं उच्च शिक्षा विषय पर आयोजित शेखावाटी एकेडमिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। तीन सत्रों में आयोजित इस शैक्षिक सम्मेलन के उदघाटन सत्र का शुभारंभ शनिवार को प्रात: 11: बजे से किया गया। उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति बी.आर. छीपा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जोधपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं एआईएवीसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लोकेश शेखावत द्वारा की गई। रणदीप सिंह डायरेक्टर आयुष गुजरात, नर्बदा इन्दौरिया डिप्टी डायरेक्टर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग राजस्थान सरकार, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रामस्वरूप जाखड़ भी मंच पर उपस्थित थे। प्रसिद्ध गणितज्ञ एवं भामाशाह डॉ. घासीराम वर्मा एवं नर्बदा इन्दोरिया कार्यक्रम के विशेष आकर्षक थे। महिला शिक्षा में उल्लेखनीय कार्य करने एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में प्रत्यक्ष योगदान के उपलक्ष्य में डॉ. घासीराम वर्मा एवं नर्बदा इन्दोरिया को शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिह्न के साथ लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड देकर सम्मानित किया गया । महाविद्यालय के सचिव डॉ. हनुमान प्रसाद, प्राचार्य डॉ. रामस्वरूप जाखड़, डी.वी. शास्त्री, दयाराम महरिया, हरिराम महण एवं गोपाल शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। कुलपति डॉ. लोकेश शेखावत ने कार्यक्रम के तीनों सत्रों का परिचय देते हुए उपस्थित अतिथियों एवं विभिन्न प्रान्तों से पधारे गणमान्य नागरिकों का स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. लोकेश शेखावत ने डॉ. घासीराम वर्मा को एआईएवीसीए के संरक्षक पद का दायित्व सौंपने की घोषणा भी की, जिसे डॉ. वर्मा ने सहर्ष स्वीकार किया। तकनीकी सत्र की मुख्य वक्ता नर्बदा इन्दोरिया ने शेखावाटी क्षेत्र को महिला सशक्तिकरण का प्रमुख केन्द्र बताते हुए शेखावाटी की नारीयों को नमन किया। उन्होंने अपनी 23 वर्ष की पत्रकारिता के जरिए मिले समस्त पुरस्कारों को वीरधरा झुंझुनंू और इसके शेर सपूत सैनिकों के नाम समर्पित किया। इन्दोरिया ने कहा कि भारतीय नारी आदिकाल से ही हर क्षेत्र में सशक्त रही है, उन्होंने सांसारिक दृष्टि से सशक्त होने से पहले व्यक्ति के नजरिए के सशक्त होने को महत्वपूर्ण बताया। समारोह की मुख्य अतिथि अलका अग्रवाल प्राचार्य एन.एम.टी. कॉलेज ने महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए कहा कि सशक्तिकरण के सही मायने अपनी परिस्थितियों से लोहा लेते हुए अपने वांछित लक्ष्यों को सकुशल पूरा करने से है। भगवती राजपूत प्राचार्य राजकीय बालिका पी.जी. कॉलेज फरीदाबाद, हरियाणा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि नारी हर समय और हर युग में घर-परिवार और देश समाज के कुशल प्रबन्धन में बड़ी कुशलता से अपना योगदान देते आई है । तीसरे और समापन सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व डी.आई.जी. सी.बी. शर्मा थे। सत्र की अध्यक्षता महाविद्यालय समिति के सचिव डॉ. हनुमान प्रसाद ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में जवाहरलाल विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर मिलाप पूनिया थे। मुख्य अतिथि डॉ. सी.बी. शर्मा ने उपस्थित छात्राओं को वर्तमान युग में होने वाले साइबर अपराधों को लेकर जागृत रहते हुए स्वयं को सशक्त बनाने की अपील की। जोधपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मिलाप पूनिया ने महिला शक्ति और उच्च शिक्षा में संभावनाएं विषय पर अपनी बात रखी। समारोह को डॉ. घासीराम वर्मा, दयाराम महरिया सीकर, पंजाब विश्वविद्यालय की गोल्ड मेडलिस्ट छात्रा जीना, सचिव डॉ. हनुमान प्रसाद ने भी सम्बोधित किया।

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