मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दो दिन पहले झुंझुनंू में गौरव यात्रा के दौरान हरियाणा के रास्ते यमुना जल राजस्थान तक पहुंचाने के मामले में हरियाणा और राजस्थान के बीच एमओयू होने की बात कही थी। इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट यशवर्धन सिंह शेखावत ने चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया कि एमओयू पर हरियाणा सरकार की ओर से हस्ताक्षर ही नही किये गए हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से एमओयू के बारे में जानकारी मांगी। इस पर सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने जवाब पेश किया कि मुख्यमंत्री की चुनावी दौरों में व्यस्तता के चलते अभी तक एमओयू नही हो पाया है। जल्द ही आचार संहिता लगने वाली हैए इस कारण अभी एमओयू होना संभव भी नही है। हालांकि सरकार प्रयासरत है और राजस्थान को यमुना जल जल्द ही मिल जाएगा। इस पर हाई कोर्ट ने मामले को गंभीर बताते हुए सरकार को फटकार लगाई। इधर आरटीआई एक्टिविस्ट एवं याचिकाकर्ता यशवर्धन सिंह शेखावत ने प्रेस वार्ता में कहा है कि सरकार लाखार बांध पर हुए एमओयू को ही यमुना जल समझौता बताकर जनता को गुमराह कर रही है। यमुना जल संघर्ष समिति ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि एक महीने के भीतर एमओयू नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।