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झुंझुनूं में स्काउट गाइड अभिरूचि शिविर में विश्व तम्बाकु दिवस पर साईकिल रैली आयोजित

झुंझुनूं,राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड जिला मुख्यालय झुंझुनूं के तत्वावधान में गुरूवार की प्रातः स्थानीय जेके मोदी रा.बा.उ.मा.वि. झुंझुनूं में आयोजित ग्रीष्मकालीन अभिरूचि कलां कौशल प्रशिक्षण शिविर में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का आयोजन स्काउट गाइड व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में साईकिल रैली आयोजित कर तम्बाकू के दुष्परिणामों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित साईकिल रैली को जिला एवं सेंशन न्यायाधीश अषोक कुमार जैन ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
विद्यालय के प्रांगण से स्काउट एवं गाइडस के द्वारा तम्बाकू के दुष्परिणामों के बारे में छपे बैनर्स, पोस्टर, लेख आदि के साथ नारे लगाते हुए रैली निकाली गयी। रैली शहर के मुख्य मार्गो से होते हुये वापस विद्यालय पहुँची। रैली के बाद विद्यालय में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जन चेतना हेतु कार्यशाला आयोजित की गयी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि न्यायाधीश जैन ने बताया कि नशा करना आज आधुनिकता का प्रतीक माना जाने लगा है जबकि कोई ज्ञान प्राप्त कर आधुनिक नहीं बनना चाहता। जिसका नतीजा समाज आज भी भुगत रहा है और शायद आगे और भी ज्यादा भयावह रूप में भुगतेगा। नशा कई प्रकार से है जिसमें तम्बाकू का नशा सबसे ज्यादा किया जाता है क्योंकि यह हमारे भारतीय समाज में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। हर नुक्कड़, चैराहे पर इसे आसानी से दुकानों से प्राप्त किया जा सकता है। जैन ने बताया कि जो व्यक्ति धुम्रपान कर रहा है वो अपने स्वयं के फेफड़ों को तो जला रहा है ही परन्तु इसके साथ ही आस पास के वातावरण को दूषित कर रहा है जिससे नशा न करने वाला व्यक्ति भी प्रभावित हो रहा है। दूषित वातावरण जो कि कैंसर जैसी भयानक बीमारी को जन्म देता।
इस अवसर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रमोद बंसल ने बताया कि तम्बाकू में जिस रसायन की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती है वो है निकोटिन, निकोटिन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है यह इन्सान को नशा का आदी तो बनाता ही है साथ में इसके प्रभाव से मानव शरीर में अनेकों प्रकार के कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों को जन्म भी देती है। निकोटिन के प्रभाव के चलते व्यक्ति को भूख-प्यास लगना, दिमाग का सामान्य रूप से काम करना आदि बंद कर देता है जिसके चलते धीरे धीरे व्यक्ति पूर्ण रूप से बिना नशा के जीवित नहीं रह पाता है और वही नशा एक दिन व्यक्ति के जीवन के अंत का कारण भी बनता है।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झुंझुनूं की पूर्णकालिक सचिव श्रीमती मधु हिसारिया ने सभी उपस्थितजन को सम्बोधित करते हुए कहा कि तम्बाकू निषेध दिवस पूरे विश्व से किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन पूरी तरह से रोकने या कम करने के लिए लोगों को बढ़ावा देने और जागरूकता के विचार से इसे मनाया जाता है। इस अवसर श्रीमती हिसारिया द्वारा सभी उपस्थितजनों को नशा मुक्ती हेतु शपथ दिलाते हुए आह्वान किया कि वे स्वयं और सम्पर्क में आने वाले सभी नागरिकों को नषा ना करने हेतु प्रेरित करेंगे।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र कृष्णियां व समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक डाॅ. पवन पूनियां, विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती सुनिता कृष्णियां, पेंशनर समाज सचिव मनीराम पूनियां ने भी विश्व तम्बाकु निषेध पर अपने विचार व्यक्त किये।
राजस्थान पर्यटन सचिव बोरड ने उत्सावर्द्धन किया जेके मोदी विद्यालय की प्रधानाचार्या सुनिता कृष्णियां के आग्रह पर राजस्थान सरकार के पर्यटन सचिव एवं झुंझुनूं जिले के पूर्व जिला कलेक्टर प्रदीप कुमार बोरड ने अभिरूचि शिविर के शिविरार्थियों से नशा नही करने का आह्वान करते हुये नशा से होने वाले दुष्परिणामों के बारे विस्तृत जानकारी दी तथा बच्चो से रूबरू हुये। बोरड ने शिविर में शिविरार्थियों द्वारा सीखे जा रहे कौशल की प्रशंसा करते हुये उनको जीवन में अपनाने के लिये प्रेरित किया।इस दौरान अभिरूचि शिविर के शिविरार्थियों द्वारा नशा मुक्ति से सम्बन्धित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये जिसमें मत पियो सा छैल तम्बाकु वाले गाने ने सबको झुमने के लिये मजबूर कर दिया।सीओ गाइड सुभिता गिल ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अभिरूचि शिविर में आयोजित निबन्ध, भाषण, चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को स्मृति चिन्ह् व प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत भी किया गया। सीओ महेश कालावत ने बताया कि ग्रीष्मकालिन अभिरूचि शिविर में 670 छात्र-छात्राएं विभिन्न कौशल का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। इनके माध्यम से शहर में नशा नही करने के लिये आमजन से नशा नही करने के शपथ पत्र भरवाये जा रहे है था साथ ही सभी शिविरार्थी भी नशा नही करने के शपथ पत्र भरे।
इस अवसर पर सीओ गाइड सुभिता गिल ताराचंद यादव, रघुवीर सिंह पूनिया, विकास गुर्जर, नवीता, मुकेश कुमार, प्रतापराम, चंद्रशेखर, बिहारीलाल खारिया, लक्ष्मण सिंह, सौरभ केडिया सहित अभिरूचि शिविर के 650 शिविरार्थी उपस्थित थे।

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