जिले के शहीद दलीप थाकन की वीरांगना सुनीता देवी जो आज भी करवा चौथ के दिन सज-धज कर करवा चौथ का व्रत करती है। वैसे तो करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए माना जाता है लेकिन यह वीरांगना अपने आप को आज भी सुहागन मानती हैं। इनका कहना है कि पति ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर सदा के लिए अमर हो गए हैं इसलिए उनका सुहाग चंदा की जैसे चमकता है तो सदा के लिए वह जिंदा हो गए। यह नजारा शेखावाटी में शहीदों के परिवारों और प्रतिमाओं पर आम बात है वैसे भी वीर प्रसुता धरा झुंझुनंू में शहीदों को लोक देवता के रूप में पूजा जाता है लेकिन आज के दिन शहीद वीरांगना के लिए यह दिन खास महत्व रखता है।