जिला कोषाध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने बताया
झुन्झुनू, रेसला जिला कोषाध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि 18 सितम्बर रविवार को जयपुर में राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) की प्रांतीय कार्यकारिणी का निर्वाचन होने जा रहा हैं ।जिसमे झुन्झुनू रेसला जिला प्रमेन्द्र कुल्हार भी प्रदेशाध्यक्ष पद के लिये नामांकन दाखिल करेंगे । नामंकन की प्रकिया 12 और 13 सितम्बर तक रहेगी ।पूरे राजस्थान के व्याख्याताओ की इस बार प्रदेश नेतृत्व के लिये एक आवाज़ आ रही हैं कि रेसला का आगामी नेतृत्व 4-5 वर्ष तक लगातार रहने वाला आम व्याख्याता ही करे । साथ ही बताया कि प्रमेन्द्र कुल्हार ने 2016-17 मे जिला मंत्री के रूप में एवं उसके बाद 2018-19 से लगातार जिलाध्यक्ष के दायित्व का निर्वहन कर रहे है ।गत वर्ष 21 नवंबर 2021 को जिले के व्याख्याता साथियों ने प्रमेन्द्र कुल्हार में तीसरी बार निर्विरोध जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी के रूप मे अटूट विश्वास जताया है। रेसला सभाध्यक्ष झुन्झुनू महेंद्र जुलाहा ने बताया की प्रांतीय नेतृत्व ने व्याख्याता हितों के संघर्ष के लिए जब जब भी आह्वान किया है तब तब झुंझुनू रेसला परिवार पूरे राजस्थान में संघर्ष के लिये सबसे अग्रिम पंक्ति में रहा है । चाहे संख्यात्मक अनुपात लागू करवाने के लिए रेसला के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष आदरणीय मोहन जी सिहाग एवं रेसला मुख्य महामंत्री सुमेर जी खटाना और प्रांतीय कार्यकारिणी के नेतृत्व में 5 अक्टूबर 2016 की शिप्रापथ मानसरोवर जयपुर की रैली हो या फिर वेतन कटौती निरस्त करवाने के लिए 24 सितंबर 2017 की जयपुर में आक्रोश रैली हो, चाहे वेतन रिकवरी रुकवाने के लिए 9 जुलाई 2018 को निदेशालय बीकानेर का एक दिवसीय घेराव या फिर 2 अक्टूबर 2018 को गांधी जयंती के उपलक्ष्य में व्याख्याताओं की विभिन्न मांगों के लिए शिक्षा संकुल जयपुर में उपवास कार्यक्रम हो या फिर 5 मार्च 2021 की रेसला के इतिहास की सबसे बड़ी ऐतिहासिक रैली जिसमें पूरे राजस्थान के लगभग 25 से 30 हज़ार व्याख्याता अपने हक की लड़ाई के लिए राजधानी जयपुर में अपनी आवाज को बुलंद किया हो या उसके बाद आदरणीय मोहन जी सिहाग के नेतृत्व में लगातार 11 दिन आमरण अनशन हो ,जिसमे रेसला जिलाध्यक्ष प्रमेन्द्र कुल्हार भी उनके साथ लगातार आमरण अनशन पर रहे ।इस प्रकार झुंझुनू रेसला परिवार का संघर्ष हमेशा की तरह अग्रणी रहा है। रेसला प्रदेश महिला उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने बताया कि रेसला के द्वारा व्याख्याताओं के सामान्य विभागीय कार्य जैसे एसीपी प्रकरण, स्थायीकरण ,वेतन व्यवस्था आदि रूटीन के विभागीय कार्यो के साथ विशेष उपलब्धियों में वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड प्रथम को व्याख्याता पदनाम करवाना, व्याख्याता को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा , व्याख्याता की ग्रेड पे 4200 से 4800 करवाना तथा 2015 में प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति में अनुपात 67:33 करवाना और वर्तमान में 80 : 20 करवाना ,साथ ही वाइस प्रिंसिपल के पद का सृजन एवं इस पद पर व्याख्याता कैडर से शत प्रतिशत पदोन्नति का नियम आदि रेसला के संघर्ष का ही परिणाम है ।
रेसला जिला मंत्री कर्मवीर पुनिया ने बताया कि वर्तमान में व्याख्याताओं की तात्कालिक समस्या प्रधानाचार्य के पद पर वर्ष 2021- 22 की हो चुकी डीपीसी का काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापन करवाने के साथ निम्नलिखित न्यायोचित महत्वपूर्ण मांगे राज्य सरकार द्वारा आगामी चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुए पूरे राजस्थान के व्याख्याताओं के लिये पूरी करनी चाहिये ।
(1)पांचवी अनुसूची में की गई वेतन कटौती निरस्त करना
(2) 2022- 23 की प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति अतिशीघ्र करना
(3) नवसृजित 12421 वाइस प्रिंसिपल के पदों पर डीपीसी संपन्न करवाना
(4) नवसृजित वाइस प्रिंसिपल के पद की ग्रेड पे 6000 (L-15) करवाना
(5) माध्यमिक शिक्षा में स्थापित पैटर्न लागू करना
(6) नव क्रमोन्नत विद्यालयों में अनिवार्य विषय हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद सृजित करवाना
(7) एसीपी 10,20,30 के स्थान पर 9,18,27 करवाना
(8) राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर शिक्षा विभाग को दिए जाने वाले गैर शैक्षणिक कार्यो( राष्ट्रीय महत्व के कार्य जैसे चुनाव ,जनगणना को छोड़कर से) मुक्त करना ।
साथी ही बताया कि 18 सितंबर को होने वाले रेसला के प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्वाचन में पूरे राजस्थान का व्याख्याता वर्ग अपने हितों के लिए संघर्षशील जुझारू व्यक्तित्व वाले साथियों का चयन प्रांतीय कार्यकारिणी के लिए करना चाहेगा । राजस्थान रेसला के इतिहास में झुंझुनू रेसला परिवार की भूमिका सदैव ही अग्रणी रही है ।यदि राजस्थान के व्याख्याता साथी झुंझुनू रेसला परिवार को पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपते हैं तो झुंझुनू रेसला परिवार व्याख्याताओं के हकों के लिए संघर्ष करते हुए रेसला को पूरे प्रदेश में एक नई दिशा प्रदान करेगा ।