गौशालाएं भारतीय संस्कृतिक की प्रतीक, गौशाला की उन्नति के लिए किए जाएंगे प्रयास – जिला कलक्टर
झुंझुनू , जिला कलक्टर उमर दीन (यू.डी.) खान ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित 120 वर्ष पूरानी गोपाल गौशाला का निरीक्षण किया। करीब डेढ घण्टे के निरीक्षण के दौरान उन्होंने गौशाला में सभी स्थानों का अवलोकन कर गौसेवा में सर्मपित गौशाला की कार्यकारिणी की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि गौशालाएं भारतीय संस्कृति की प्रतीक है, गायों की सुविधाओं एवं देखभाल के लिए की गई अलग-अलग व्यवस्थाएं काबिले तारिफ है। खान ने गौशाला में बनाए गए गायों के नहाने का स्थान, गौ वाटिका, कबूतरों के लिए बनाएं हुए फ्लेट्स के बारे में संचालको से जानकारी ली तो उन्होेंने बताया कि प्रतिदिन करीब 2 क्विंटल कबूतरों को बाजरा एवं गायों को गुड खिलाया जाता है। गौशाला पदाधिकारियों ने जिला कलक्टर को अवगत करवाया कि गौशाला के सामने पड़ी भूमि आवंटित करवाई जाएं ताकि गायों को खुले में रखा जा सके, तो खान ने उन्हें आश्वस्त किया कि गौशाला को प्रशासन द्वारा सुविधा मुहईया करवाई जाएगी। इस दौरान गौशाला के लिए हॉस्टल बनाने की बात रखी तो खान ने कहा कि प्लॉन तैयार करवाएं, ये एक अच्छा विचार है, इससे शहरों में रह रहे लोगों को गाय रखने मे आसानी होगी, उनको मिनिमम खर्चे के आधार पर दुध, दही, छाछ की भी अन्य सुविधा उपलब्ध होगी। पदाधिकारियों ने जिला कलक्टर को अवगत करवाया कि जिले में नंदी खुले आम घुम रही है, जिससे हादसों एवं आमजन को अन्य प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं, झुंझुनू गौपाल नंदी शाला में करीब 500 नंदियों के रखने की व्यवस्था है, जिसके लिए नगर परिषद द्वारा नंदियों को पकड़कर नंदीशाला में पहुंचाया जाएं। खान ने उन्हें आश्वस्त किया वे नगर परिषद द्वारा नंदियों को यहां छुड़वाने की व्यवस्थाएं करवाएंगे। संचालको ने बताया कि नंदीशाला के लिए करीब 45 लाख रूपये पशुपालन विभाग के माध्यम से आने थे, जो कि आएं नहीं है, तो जिला कलक्टर खान ने संबंधित अधिकारी को नंदीशाला के रूपयों किन कारणों से रूके हुए है, उसके लिए आगे बात कर व्यवस्थाएं करवाया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला कलक्टर खान ने कहा कि गौशाला की उन्नति के लिए प्रयास किए जाएंगे। गायों का दुग्ध निकालने एवं अन्य कार्य करने के लिए लोगों को रोजगार मिल रहा है। गौशाला में आरोग्य अनुसंधान केन्द्र में खान ने सोनाग्राफी मशीन, एक्सरे मशीन, गायों की खून जांच, गौबर जांच एवं अन्य प्रकार की मशीनों की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मनुष्य की बिमारियों को पकड़ने के लिए जांच कि जाती है, उसी प्रकार करीब प्रतिदिन 20 बीमार गायाें की मशीन के माध्यम से जांच कर ईलाज किया जा रहा है, उन्होंने गायों के जांच रजिस्ट्रर को देखा। इस दौरान जिला कलक्टर खान ने गायाें को गुड खिलाया। उन्होंने मृत गायों के दाह संस्कार करने वाली बिजली एवं गैस किट मशीन, सांड़ो के फ्लैट, गर्भवती गाय, दुधारू गाय, टली हुई गाय, छोटे बछड़ो, दृष्टिीहिन गायों एवं सांड़ो, सप्त नंदी परिक्रमा धाम, सप्त धेनू परिक्रमा धाम, प्रगनेंट बछिया का आवास, तुलादान, चारागाह गौदाम का अवलोकन किया। इस दौरान गौशाला पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा में विभिन्न मांग की जिस पर खान ने उन्हें शीध्र कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस दौरान गौभक्त महिला द्वारा जिला कलक्टर खान का तिलकार्चन कर स्वागत किया। गौशाला पदाधिकारियों ने खान को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत कर उन्हे गौमाता का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। इस दौरान समिति अध्यक्ष ताराचंद गुप्ता, डॉ.डी.एन.तुलस्यान, गौ-भक्त गणेश हलवाई, सुभाष क्यामसरिया, नरोत्तमलाल, शशिकांत, नरौत्तमलाल जालान, पवन, दिनेश, सुमित, निटू केडिया, राकेश, संजय, सपना, भावना शर्मा, निर्मिला, रजनी गुप्ता सहित शहर के गौभक्त एवं गौशाला के पदाधिकारी बडी संख्या में उपस्थित थे।