स्थानीय जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार भंडाफोड़ हुआ है। चूरू एसीबी की टीम ने सीआई रमेश माचरा के नेतृत्व में डीटीओ कार्यालय में कार्रवाई की और सूचना सहायक धर्मेन्द्र कुमार व दलाल भवानीसिंह पुत्र भंवरसिंह निवासी वार्ड न. 40 सुजानगढ़ को 8 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। सीआई रमेश माचरा ने बताया कि रिश्वत की राशि दलाल भवानीसिंह को दी गई, जिस पर एसीबी की टीम ने दलाल के हाथ धुलाये तो पानी का रंग गुलाबी हो गया। दलाल के साथ एसीबी की टीम ने सूचना सहायत को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल 5 फरवरी को रतनगढ़ के सेहला गांव के निवासी परिवादी अलीशेर कायमखानी ने एसीबी चूरू को यह शिकायत की थी कि उसने हाल ही में दिल्ली नंबर की बोलेरो कार खरीद की थी, जिसके नंबर सुजानगढ़ डीटीओ में असाईनमेंट करवाने के लिए उसने 4 फरवरी को डीटीओ कार्यालय में पत्रावली जमा करवाकर टैक्स भी जमा करवा दिया था। लेकिन फिर भी असाईनमेंट की एवज में दलाल भवानीसिंह के मार्फत सूचना सहायक धर्मेन्द्र कुमार ने 10 हजार की रिश्वत मांगी। जिस पर 8 हजार में सौदा तय हुआ। परिवादी ने अलीशेर ने बताया कि इस बारे में उसने जब डीटीओ ओपी बुढाणिया से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि तम्हारी फाइल दिल्ली जायेगी और मामला लटक जायेगा। जिस पर मजबूरन परिवादी को एसीबी की शरण लेनी पड़ी। डीटीओ ओपी बुढ़ाणिया भी इस मामले में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये कि उनके कार्यालय में यह भ्रष्टाचार का खुला खेल क्यों चल रहा है और उनका इस पर नियंत्रण क्यों नहीं है? एसीबी द्वारा की गई ट्रेप की कार्यवाही से हडक़प मंच गया और डीटीओ कार्यालय के बाहर खुली दलालों की करीब दसों दुकानों को बंद करके दलाल नौ दो ग्यारह हो गये। एसीबी की कार्यवाही करने आई टीम में गिरधारीसिंह, राजपालसिंह, ओमप्रकाश सियाग, राकेश मीणा, हरीदान चारण, दलीप दाधीच, संदीप जांगिड़ शामिल थे। ज्ञात रहे कि हाल ही में डीटीओ कार्यालय में कार्यरत एक सब इंस्पेक्टर का विडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें कुछ चालक अवैध वूसली के आरोप लगाते हुए दिख रहे थे।