– किसानों के नाम पर व्यापारी बेच रहे है समर्थन मूल्य पर अनाज
-दलालों व क्रय विक्रय समिति के अधिकारियों से साठगांठ के आरोप, किसानो के
नाम व जमाबंदी पर व्यापारी बेच रहे अपना अनाज
सूरजगढ़[कृष्ण कुमार गाँधी ] पिछले सवा माह से कुछ व्यापारी किसानों की आड़ में चांदी कूट रहे है जिसके चलते सरकार व किसान दोनों को लाखों रुपयों का चुना लगा रहे है। खास बात यह है की इस मामले में व्यापारी दलालों व क्रय विक्रय समिति केे अधिकारियों से साठगांठ कर किसानों के नाम पर खुली धांधली करते नजर आ रहे है। इस बार कम मानसून के चलते क्षेत्र में फसलों की पैदावार किसानों की उम्मीद से काफी कम हो पाई है लेकिन उसके बाद भी हजारों टन सरसों व चने का अनाज सहकारी समिति केन्द्रों पर बेचा जा रहा है। ऐसे में किसानों के नाम से फर्जी कागजातो के जरिये बेचे गयें अनाज की करोड़ो रुपयों की राशी भी सरकार से वसूल चुके है। दुसरे राज्य व जिलों के किसानों से कम कीमत में अनाज खरीदने वाले व्यापारियों की काली पूंजी को सफेद करने के मामले में क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारी भी इस गोरख धंधे में मिले नजर आते है। कुछ किसानों की शिकायत के बाद व्यापारियों का अजब कारनामा अब सामने आया तो अधिकारियों ने मामले को जांच का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया जबकि सरकार के नुमाईनदे ही सरकार को लगा रहे है करोडों का चुना जिसकी जांच होनी आवश्यक है। वहीं यदि किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद अपना अनाज लेकर खरीद केंद्र पर पहुंचते है तो क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अधिकारी उनके अनाज को खरीदने में ढिलाई बरतते नजर आते है ऐसे में किसानों को फसल का सरकार द्वारा उचित लाभ नही मिल पाता है जबकि अधिकारी व्यापारी के साथ मिलकर सरेआम सरकार के करोड़ो रूपयों को किसानों के नाम पर हड़प रहे है।
-मजबूर है किसान कम कीमत में अनाज बेचने को
क्रय-विक्रय सहकारी समिति केन्द्र पर अनाज की बंपर खरीद को लेकर शिकायतें आ रही थी जिसको लेकर मीडिया टीम ने 15 दिनों तक अपनी जाँच पड़ताल की है जिसमे क्रय-विक्रय समिति के अधिकारी व्यापारियों व दलालो के साथ सांठगांठ कर काला खेल खेलते नजर आए। किसान तो अपना अनाज बेचने के लिए घंटो लाइनों में लगा रहता है फिर भी उसकी सुनवाई नहीं होती है आरोप है कि व्यापारियों के गोदामों से रात के अंधेरे में गाडिय़ों को लोड कर भंडार घरो में भेजा जा रहा है। मामले की हकिकत जानने के लिये हमने व्यापारियों से भी सम्पर्क किया लेकिन कोई भी कुछ बोलने को तैयार नही हुआ। किसानों का आरोप है कि व्यापारी दुसरे राज्यों और जिले के कम कीमत पर मूंग की खरीद-फरोख्त कर सरकार को उच्चे दामो पर मूंग बेच रहे है। जबकि कभी कभार भूला भटका किसान अपनी फसल लेकर मंडी पहुचता है तो क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अधिकारी बहाना बनाकर किसान की फसल नही खरिदते है। आखिरकार निराश किसान मजबूरन मंडी में ही अनाज को कम कीमत पर बेचने को मजबूर हो जाते है।
-कम पैदावार फिर भी हजारों क्विंटल की खरीद
इस बार फसल बिजाई के बाद कम बरसात होने के कारण क्षेत्र में सरसों व चने की फसल पैदावार काफी कम हुई। स्थानीय किसानों के मुताबिक कम बारिश और मौसम की अनुकूलता के चलते खेतों में खड़ी फसल को पूरा पोषण नहीं मिलने से फसलों की पैदावार उम्मीद से काफी कम हुई और किसान को नुकसान उठाना पड़ा था। ऐसे में सवाल उठता है कि जब अनाज की पैदावार ही कम हुई तो हजारों क्वींटल अनाज की खरीद का अनाज सरकार के पास कैसे पहुंचा और उसकी रकम भी कैसे चुका दी गई। जबकि बड़े किसानों ने अनाज को रोक भी रखा है।
-जिले में सबसे अधिक अनाज खरीद का गढ़ बना सूरजगढ़
क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अधिकारियों के मुताबीक अब तक करीब 18 हजार क्विंटल सरसों व करीब 20 हजार क्विंटल चने की खरीद की जा चुकी है। खरीददारी अधिक होने से दो दिन खरीद भी एक बार बंद रखी गयी जो आज शुक्रवार से फिर शुरू हो चुकी है। वही जिले के अन्य स्थानों पर सूरजगढ़ से आधा अनाज भी नहीं खरीदा गया है तो ऐसे में यहां हो रही अनाज खरीद में धांधली की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिले में सूरजगढ़ सबसे अधिक अनाज खरीद का गढ़ बन चुका है।
जानिए किसने क्या कहा
सूत्रों के मुताबीक व्यापारियों ने अपनी काली पूंजी को बढ़ाने के लिए क्षेत्र के विश्वासपात्र किसानों का सहयोग लिया और साथ ही इस बड़े घोटाले में पटवारी और ग्राम सेवकों की मदद से किसानों के कागजात तैयार करवाये गये ताकि उससे किसानो की आड़ में अपना माल बेचकर बड़ा मुनाफा कमा सके। कई किसानों ने बीना कैमरे के ही मामले की पुरी कथा बताई जबकि कुछ किसान इस घोटाले पर खुलकर बोलते नजर आये। किसान संगठन ने आरोप लगाया कि इस बड़ घोटाले में विभागीय अधिकारियों और व्यापारियों की मिलीभगत के चलते सरकार को करोड़ो का चुना लगा चुके है। इसकी जांच होनी चाहिये और दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिये। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि किसानों के नाम पर हो रही लूट की जांच नही हुई तो मजबूरन आन्दोलन करना पड़ेगा। दुसरी और इस संबध में क्रय-विक्रय सहकारी समिति के जनरल मैनेजर विजय सिंह से घोटाले पर पक्ष जानना चाहा तो आरोपों का खण्डन करते नजर आये जबकि झुंझुनूं मुख्यालय के तकनिकी सहायक मुकेश कुमार ने बताया कि झुंझुनूं मुख्यालय मंडी के मुताबीक सूरजगढ मंडी से भारी मात्रा में अनाज खरीदा गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस क्षेत्र में फसलों की पैदावार ही कम हुई वहां इतनी खरीद किस की शै पर हो गई।