समस्याओं का अंबार
दांतारामगढ़,[नरेश कुमावत] कांटिया सरकार की अनेक योजनाएं विकास के अभाव में धरातल पर दम तोड़ देती है हम बात कर रहे हैं दातारामगढ़ तहसील के कटिया गांव की इसकी कुल आबादी 3000 के लगभग है इस गांव में सड़क। अस्पताल व मूलभूत सुविधा जैसी अनेक समस्याएं हैं ग्रामीणों ने बताया कि गांव में टूटी फूटी सड़कें है व गांव में हॉस्पिटल तक भी नहीं है, अगर गांव में कोई बीमार हो जाए तो दाता व सीकर ले जाना पड़ता है गांव में कोई उपचार नहीं है। ग्रामीण आए दिन समस्याओं से जूझते नजर आते हैं। गाँव आवश्यक सुविधाओं को आज भी तरस रहा है। शिक्षा व चिकित्सा में तो पहले ही पिछड़ा है, साथ ही यातायात के साधानों का तो बेहद ही अभाव है। यातायात का ऎसा अभाव शायद ही कही देखने को मिले। इतना हीं नही शाम को 7 बजे बाद तो आप आस-पास के किसी भी शहर या गांव में नही जा सकते। पंचायत मुख्यालय खोरा से कांटिया को जोड़ने वाली 4 किमी ग्रेवल सड़क भी पूर्ण रूप से टूट गई। काटिया के ग्रामीणवासी बताते हैं कि ग्रेवल सड़क के उखड़ी होने से बारिश के दिनों में इस सड़क पर पानी भर जाने से ग्रामीण व विद्यार्थियों का वहां से निकलना दूभर हो जाता है। ग्रेवल रोड टूटने के कारण कांटिया के ग्रामीणवासियों को गेहूं, राशन लेने के लिए पैदल जाना पड़ता है जिससे कि अधिक परेशानी होती है। कांटिया के ग्रामीणों ने बताया कि वोट के समय नेता वोट मांगने आ जाते हैं और जीतने के बाद गांव में आकर भी नहीं देखते है। रोडवेज बस की सुविधा नहीं होने से ग्रामीण वासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण वासियों का कहना है कि कुछ साल पहले एक निजी बस से ऑपरेटर के चलती थी लेकिन सीकर से बाय की सड़क पूरी टूटने के कारण वह भी बंद हो गई जिससे यात्रियों व ग्रामीणवासियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों को रोडवेज के लिए 8 किमी दूर रुलाना व बाय जाना पड़ता है।