सेंशन न्यायाधीश झुंझुनूं द्वारा
विशिष्ट न्यायाधीश (स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावक पदार्थ अधिनियम प्रकरण) (सेंशन न्यायाधीश) झुंझुनूं अतुल कुमार सक्सेना द्वारा सोमवार को दिये एक निर्णय में अपने कब्जे में स्मेक (हेराइन) रखने के दो आरोपी क्रमश: महेन्द्र उर्फ बेबला पुत्र गंगाराम ब्राह्मण निवासी वार्ड नम्बर 38, जोशियों का गट्टा झुंझुनूं को पांच वर्ष के कठोर कारावास व पचास हजार रूपये अर्थदण्ड से जबकि दूसरे आरोपी निकेश पुत्र महावीर जाट निवासी पुरानी बस्ती चनाना पुलिस थाना चिड़ावा को एक वर्ष के कठोर कारवास एवं पांच हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है। मामले के अनुसार 24 जनवरी 2018 को थानाधिकारी कोतवाली झुंझुनूं गोपाल सिंह मय पुलिस जाब्ते के 12:10 पीएम पर जब जोशियों के गट्टे के पास महमियों के अखाड़े के निकट पहुँचे तो अखाड़े का गेट खुला हुआ था तथा अखाड़े की खाली जमीन पर दिवार के निकट दो जने संदिग्ध अवस्था में आमने-सामने नीची गर्दन किये हुये बैठे धुम्रपान करते हुये नजर आये जिनके हाथो में एल्युमिनियम की फाइल की बनी हुयी पाईप थी तथा उनके पास एल्युमिनियम फाइल का टुकड़ा पड़ा हुआ था जिसके निचे जलाये जाने के चिन्ह् नजर आ रहे थे तथा फाइल के दूसरी तरफ काला पदार्थ पिघल कर चिपका हुआ था। उनके पास माचिस की जली हुई तिल्लिया भी पड़ी हुयी थी। पुलिस ने घेरा देकर उन दोनो को पकड़ा तो एक ने अपना नाम महेन्द्र उर्फ बेबला व दूसरे ने अपना नाम निकेश होना बताया। थानाधिकारी ने नियमानुसार स्वतंत्र मौतबिरान के समक्ष उनकी तलाशी ली तो महेन्द्र की पेन्ट की जेब से एक पोलिथिन की थैली मिली व पोलिथिन के अंदर भूरे रंग का पाउडरनुमा पदार्थ मिला जो स्मेक (हेराइन) होना बताया जिसे तोला गया तो थैली सहित 20.5 ग्राम वजन हुआ तथा उसकी पेन्ट की जेब से 7 हजार 600 रूपये भी मिले जिन्हे उसे स्मेक बिक्री की राशि होना बताया। इस मादक पदार्थ का कोई लाईसेंस महेन्द्र उर्फ बेबला के पास नहीं था। इसी प्रकार दूसरे व्यक्ति निकेश की पेन्ट की जेब से भी एक प्लास्टिक की थैली मिली जिसे तोलने पर थैली सहित 2.5 ग्राम स्मेक (हेराइन) मिली जो अल्प मात्रा में थी। दोनो ही थैलियो को नियमानुसार शील मोहर किया गया तथा जली हुई मासिक की तिल्लियों, एल्युमिनियम फाइल के बने हुये पाईपो व मिली राशि को जप्त किया गया तथा बाद जांच दोनो ही आरोपियों के विरूद्ध सम्बन्धित न्यायालय में आरोप पत्र पेश कर दिया गया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशिष्ट लोक अभियोजक लोकेन्द्र सिंह शेखावत ने कुल 10 गवाहान के बयान करवाये तथा 28 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये गये। न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारिकी से विश£ेषण करते हुये अपने निर्णय में लिखा कि मादक पदार्थ का सेवन न केवल युवा पीढ़ी वरन् प्रत्येक प्रकार की पीढ़ी को बुरे व्यस्न के साथ-साथ बर्बादी की और ले जाता है परिणाम स्वरूप न्यायाधीश ने दोनो ही आरोपियों को उक्तानुसार सजा देते हुये आरोपी महेन्द्र उर्फ बेबला को धारा 27 मादक पदार्थ एक्ट में एक वर्ष का और कठोर कारावास तथा पांच हजार रूपये जुर्माना व आरोपी निकेश को 8/21(ए) मादक पदार्थ अधिनियम में 6 माह के और कठोर कारावास व पांच हजार रूपये अर्थदण्ड से और दण्डित करते हुये दोनो मूल सजाएं साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया। न्यायाधीश ने अपने निर्णय में यह भी आदेश दिया कि महेन्द्र उर्फ बेबला से जप्तशुदा 7600 रूपये नगद बाद गुजरने मियाद अपील उसे नियमानुसार लौटा दिये जाये।