15 दिन में न्यायिक जाँच का आश्वाशन
खण्डेला, ( आशीष टेलर) खण्डेला के वकील हंसराज आत्मदाह मामले में शनिवार को देर रात संघर्ष समिति और प्रशासन के मध्य पांचवे दौर की वार्ता में सहमति बन सकी। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समिति की मांगे मान ली गई है। ऐसे में रविवार को सुबह 10:30 बजे वकील हंसराज का विधिवत रूप से अंतिम संस्कार किया गया।
4 दौर की वार्ता बेनतीजा होने के बाद शनिवार को 15 सादस्यों की समिति और प्रशासन के बीच बात बनी।
वार्ता में हंसराज के परिवार को 40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक पुत्र को सरकारी नौकरी, सम्पूर्ण मामले की 15 दिन में निष्पक्ष न्यायिक जाँच,SDM और SHO के निलंबन, और आंदोलन के दौरान प्रदेशभर में दर्ज मुक़दमे वापस लेने पर सहमति बनी।
गौरतलब है कि तीन दिन से हंसराज को न्याय दिलाने के लिए SDM कार्यालय खण्डेला के बाहर धरना चल रहा था, और प्रदेशभर में इसकी गूँज सुनाई दे रही थी, जिसके बाद प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच हुई 4 दौर की वार्ता विफल रही थी।
धरने में सांसद सुमेधानंद, भाजपा जिलाध्यक्ष इंदिरा चौधरी,पूर्व विधायक अमराराम, रालोपा विधायक पुखराज गर्ग, नारायण बेनीवाल, कांग्रेस नेता सुभाष मील, बंशीधर बाजिया ने सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी।
वहीं केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत, राजेन्द्र राठौड़ और उदयपुरवाटी भाजपा नेता सुशील सैनी ने भी इसे सरकार के माथे पर कभी ना मिटने वाला कलंक बताया था।
शनिवार को सभा को सम्बोधित करते हुए मृतक वकील हंसराज मावलिया के भाई रिटायर्ड मेजर रणजीत सिंह ने कहा कि उनका भाई भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए ही न्याय विभाग में आया था, और कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से ही उसे आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा। अब कसम खा ली है कि समय रहते मेरे भाई को न्याय नहीं मिला तो इसी SDM कार्यालय के बाहर हंसराज का दाह संस्कार करवाऊंगा।