खेतङी, सन् 1994 के समझौते के अनुसार यमुना नहर का पानी लाने के लिए बनी पुरानी डी पी आर को मंजूर करने, ओलावृष्टि व शीत प्रकोप से नष्ट हुई रबी 2022-23 की फसलों के मुआवजे से वंचित किसानों को मुआवजा देने, बरसाती पानी की नदियों को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर जिले भर में चल रहा किसान आंदोलन को ओर धारदार बनाने के लिए आज लोयल बस स्टैंड पर पंचायत समिति स्तरीय किसान सम्मेलन संपन्न हुआ। सम्मेलन के संचालन के लिए पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल जिसमें कामरेड अमर सिंह चाहर चारावास, रामोतार बजाङ माधोगढ, अमर सिंह पूर्व सरपंच मानोता जाटान, रामस्वरुप मणकश देवता व प्रकाश मेघवाल लोयल का चयन किया गया । सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड फूलचंद ढेवा ने कहा कि देश की खेती सत्ता की किसान विरोधी नीतियों के कारण गहरे संकट में फंस चुकी है । केंद्रीय सत्ता द्वारा किये जा रहे हर कृषि सुधार देश के बङे पूंजिपतियों को फायदा पंहुचाने के लिए किये जा रहे हैं । फसल बीमा से फसल नष्ट होने पर किसानों को दिये गये बीमा क्लेम से कई गुणा ज्यादा बीमा कंपनियों ने प्रीमियम वसूल कर मुनाफा कमाया है । राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि समाप्त प्रायः भूजल को देखते हुए यमुना नहर का हमारे हक का पानी लेने के लिए, नीमकाथाना व झुंझुंनू व चुरू जिले की जीवन रेखा काटली नदी को पुनर्जीवित करने तथा फसल बीमा की लूट के खिलाफ किसानों को बीमा क्लेम दिलवाने की मांग को लेकर जिले भर में चल रहे आंदोलन को ओर धारदार करने के लिए आगामी 25 अगस्त को लोयल में एक बङा सम्मेलन किया जावेगा जिसकी तैयारी के लिए 17 सदस्यीय तैयारी कमेटी का गठन किया गया है जिसमें रामोतार माधोगढ, बनवारी लाल फागणा, रामस्वरुप मणकश देवता, उम्मेद सिंह मान गोरीर, अमर सिंह मान ईलाखर, सुबेदार बजरंग लाल हरीनगर, होशियार सिंह चारावास, अमर सिंह चाहर, रामजीलाल चाहर, हवलदार हंसराम लांबा लोयल,सुबेदार शीशराम, रोतास काजला, सुबेदार रामनारायण ढाका मानोता जाटान, प्रहलाद पायल , अमर सिंह झाझङिया व सभाचंद मास्टर की कमेटी का चयन किया है जो सम्मेलन की तैयारी करेगी । सम्मेलन को किसान महासभा के जिला उपाध्यक्ष कामरेड इंद्राज सिंह चारावास,सिंघाना प्रखंड अध्यक्ष कामरेड मनफूल सिंह, कामरेड रामजीलाल, धर्मपाल, जगदीश प्रसाद, रणवीर, सुभाष चाहर, राजेंद्र शर्मा, सुरेश बेरवाल, सुरेश मेघवाल ने भी संबोधित किया । सम्मेलन में प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि सिघ्र ही ग्रामीण क्षेत्र में की जा रही विद्युत कटौती बंद करें किसानों व आम उपभोक्ताओं के धर्य की परीक्षा न ले अन्यथा बङे आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पङेगा ।