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झुंझुनू, अखिल भारतीय किसान महासभा की कोणार्क ( उडीसा ) 28-29 जनवरी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के खिलाफ तीन दिवसीय प्रतिवाद दिवस के मध्यनजर 12 फरवरी की किसान रैली को 21 फरवरी को किया जाएगा। राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक से लौटकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड फूलचंद ढेवा व राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने बताया कि आगामी 21 फरवरी को शहीद भगतसिंह पार्क से किसान रैली झुंझुंनू जिला कलेक्ट्रेट जाएगी तथा राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा । प्रतिवाद दिवस के पहले दिन 20 फरवरी को तमाम प्रखंड कमेटियों की तरफ से स्थानीय अधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा । दूसरे दिन जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा तथा 22 फरवरी को तमाम ग्रामों में नई कृषि बाजार नीति की प्रतियां जलाई जाएगी । 21 फरवरी की किसान रैली की मुख्य मांगों में नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के नाम पर पुनः काले कानून थोपने की साजिश बंद करने, एम एस पी को कानूनी गारंटी देने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार सी 2+ लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा जोडकर एम एस पी तय करने, प्रधानमंत्री फसल बीमा में खेत को इकाई मानने, प्रधानमंत्री फसल बीमा बीमा कंपनियों की बजाय किसान के हित में बीमा नीति बनाने, मंदिर माफी की कृषि भूमि पर काबिज किसानों को खातेदारी अधिकार देने, उच्च क्षमता की विद्युत लाइनों के टावर लगाने या खेत में से गुजरने पर प्रभावित किसानों को कृषि भूमि के बाजार भाव से दुगुनी कीमत के बराबर मुआवजा देने, सन् 1994 के समझौते के अनुसार झुंझुंनू जिले में यमुना नहर का पानी लाने, सन् 2022-23 की रबी फसल शीत प्रकोप व ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का अन्य तहसीलों की तरह खेतङी व उदयपुरवाटी तहसीलों के किसानों को भी मुआवजा देने,जिले में उपखंड अधिकारियों व तहसीलदारों के रिक्त पद तुरंत भरने, कृषि भूमि के तमाम लंबित वादों का तयसीमा में निपटारा करने व सेटलमेंट के समय भूलवश किसानों की भूमि दूसरों के खाते में चढने के कारण ऐसे मामलों का दो माह के भीतर निपटारा करने आदि मांगों को शामिल किया गया है ।