राष्ट्रवाद एवं समाजिक सरोकारों के जागरूक प्रहरी थे डॉक्टर बावलिया
कोविड-19 की गाइड लाइन में हुआ डॉक्टर बावलिया का अंतिम संस्कार
झुंझुनूुं, सामाजिक सरोकारों के पुरोधा डाॅ. दयाशंकर बावलिया की पार्थिव देह मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। बीबाणी मुक्तिधाम में कोविड-19 की गाइड लाइन के तहत वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक, समाजसेवी, ब्राह्मण समाज के सिरमौर, विभाग संघ चालक डॉ. को अंतिम विदाई दी गई। उनके दोहिते देवांग ने उन्हें मुखाग्नि दी। ब्राह्मण समाज सहित, जिलेभर के सामाजिक संगठनों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया। ब्राह्मण समाज के प्रदेश मंत्री उमाशंकर महमिया ने बताया कि डाॅ. बावलिया के निधन से ब्राह्मण समाज ने कोहिनूर खो दिया। डॉक्टर बावलिया 20 वर्ष तक लगातार ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष रहे। उनके दिशा निर्देशन में समाज ने अनेक ऊंचाइयों को छुआ। कुरीतियों को दूर कर समाज को संस्कारवान बनाने के लिए उनके प्रयत्न रहे। उन्होंने अपना जीवन सर्व समाज के लिए समर्पित कर दिया था। ब्राह्मण समाज के साथ ही झुंझुनूं नागरिक मंच, सद्भाव संस्था सहित विभिन्न सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं से वे जुड़े हुए थे। उनकी अंतिम यात्रा में उनके छोटे भाई कृपाशंकर बावलिया, गणेश शंकर बावलिया, गिरधर गोपाल मुद्गल, भतीजा कपिल बावलिया, अमरीष कौशिक जयपुर, दामाद रजनीश जोशी, संदीप शर्मा, समाज के शिवचरण पुरोहित, रामगोपाल महमिया, पवन पुजारी, कमल कांत शर्मा, चंदू शर्मा हांसलसर, एडवोकेट सुशील जोशी, गोपीराम सैनी, विनोद पुरोहित, मुन्ना बावलिया, पुरुषोत्तम चौरसिया सहित समाज के व परिवार के लोग सोशल डिस्टेंस के साथ शामिल हुए।