घोडीवारा में मिली नवजात के स्वास्थ्य के बारे में जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने मंगलवार को जानकारी दी। अपने आवास पर पत्रकार वार्ता के दौरान कलेक्टर ने बताया कि अब शिशु के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है, जिसका उपचार बाल शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. वीडी बाजिया की देखरेख में जिला मुख्यालय के बीडीके अस्पताल में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में ऎसी घटनाएं वास्तव में दुखद है। उन्होंने लावारिस नवजात शिशु को इधर-उधर डालने वाले लोगों से अपील की है कि वे ऎसा नहीं करें। अगर उन्हें ये शिशु नहीं चाहिए, तो वे जिला मुख्यालय स्थित बीडीके अस्पताल में लगे पालनगृह में शिशु को छोड़कर जा सकते हैं। इसके लिए उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। जिला कलेक्टर ने आश्वसत किया है कि पालनगृह के पास किसी भी प्रकार के कैमरे नहीं लगाए गए है। उन्होंने बताया कि माता-पिता या संरक्षक के विरूद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी। जिला कलेक्टर ने घोषणा कि है कि उक्त बच्ची के अभिभावकों की जानकारी देने वालों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ओर से 25 हजार रूपये की नगद राशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। उक्त जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक निदेशक विप्लव न्यौला के मोबाइल नम्बर 9414541593 पर दी जा सकती है। प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. वीडी बाजिया ने बताया कि जब नवजात को 108 एम्बूलेंस से अस्पताल में लाया गया था, तब उसकी हालत बहुत ही क्रिटिकल थी, सही उपचार और अतिरिक्त केयरिंग के बाद आज उसके स्वास्थ्य में काफी सुधार आया है। हालांकि अभी बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, जिसका भी इलाज किया जा रहा है। जल्द ही बच्ची के स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार होने की उम्मीद है। इस दौरान महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक विप्लव न्यौला, चाईल्ड लाईन के राजन चौधरी, शिवदयाल सैनी सहित बडी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।