देवलावास में आए थे सगाई की रस्म करने
सिंघाना [हर्ष स्वामी ] अपनी शादी में दूल्हा-दुल्हन पल-पल की खबर रखते हैं। बारातियों को भी पता होता है कि कब बारात पहुंचेगी। कब फेरे व अन्य रस्में होंगी, मगर इस शादी में हर कोई इन सबसे अनजान था। खुद दूल्हे को भी पता नहीं था कि वह घर दुल्हन लेकर लौटेगा और दुल्हन ने भी सोचा तक नहीं था कि वह आज ही बाबुल के घर से विदा होकर ससुराल चली जाएगी। यह शादी रविवार शाम को झुंझुनूं जिले के पचेरी कलां क्षेत्र के गांव देवलावास में हुई। दूल्हे के परिजन इंजीनियर बेटे की यहां सगाई करने पहुंचे थे, मगर शादी ही कर दी गई।
इस शादी ने समाज को कम खर्चे में बिना दहेज की शादी करने का संदेश
देवलावास के मोहनलाल की ग्रेजुएट बेटी सपना और हरिपुरा वाया सूरजगढ़ निवासी सत्यप्रकाश के इकलौते बेटे प्रवीण जाट के साथ सगाई होनी थी। लेकिन सभी परिवारजनों व दूल्हा दुल्हन की रजामंदी से सगाई की रस्म में ही शादी करने का निर्णय ले लिया। तुरंत ही बान बनोरे के कार्यक्रम शुरू हो गए। दुल्हन सपना को घोड़ी पर बैठाकर बनोरी निकाली गई। जो कि गांव में चर्चा का विषय बन गई और सभी इस शादी को एक अच्छा संदेश देने वाली बताया। इस दौरान हेमन्त सावल, हवासिंह भापर, पूर्व सरपंच नगेन्द्र हरीपुरा, विनोद काजला समेत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।