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स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई 150 महिलाओं हेतु नाबार्ड द्वारा सीकर जिले में आजीविका एवं उद्यम विकास कार्यक्रम का शुभारंभ

नाबार्ड जगा रहा स्वयं सहायता समूहों में उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भरता की अलख

सीकर, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा सीकर जिले के फतेहपुर ब्लॉक में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई 150 महिलाओं हेतु आजीविका एवं उद्यम विकास कार्यक्रम (एलइडीपी) का शुभारंभ हुडेरा ग्राम पंचायत मे सहायक महाप्रबंधक नाबार्ड एवं डीडीएम सीकर एम एल मीना के मुख्य आथित्य में हुआ। इस अवसर पर विशिष्ठ अथिति के रूप में मुख्य प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक अजय कुमार, शाखा प्रबंधक बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के विजय कुमार एवं एचडीएफसी बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक उपस्थित थे।

आजीविका एवं उद्यम विकास कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर डीडीएम सीकर एवं सहायक महाप्रबंधक नाबार्ड एम एल मीना ने कहा कि स्वयं सहायता समूह भी राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं और आजीविका विकास कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण महिलाएं प्रशिक्षण लेकर स्वयं को स्वावलंबी बनाकर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर पाती है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में हुनर की कोई कमी नहीं है लेकिन सही मार्गदर्शन न होने के कारण हुनर दबकर रह जाता है। उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के भीतर छिपे कौशल को विकसित कर आत्मविश्वास का संचार करना है, ताकि उन्हें उद्यमिता के माध्यम आत्मनिर्भरता की दिशा में उन्मुख किया जा सके।

सरिता कुमारी, ब्लॉक प्रबंधक राजीविका ने उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि फतेहपुर ब्लॉक में राजीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आजीविका एवं उद्यम विकास कार्यक्रम पर प्रारंभ करने पर नाबार्ड के प्रयासों का धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि नाबार्ड की वित्तीय सहायता से एक्सपर्ट स्किल संस्थान द्वारा दिए जाने वाले व्यवसायिक बकरी पालन से संबंधित 10 दिवसीय प्रशिक्षण की बदौलत महिलाओं को आत्मनिर्भरता बनाने में सहयोग मिलेगा।

एक्सपर्ट स्किल संस्थान के निदेशक विनीत छाबड़ा ने व्यवसायिक बकरी पालन प्रशिक्षण पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि फतेहपुर ब्लाक के राजीविका के स्वयं सहायता समूह की 150 महिलाओं को नाबार्ड के सहयोग से 30 – 30 महिलाओं के समूहों को 10 दिवसीय गहन प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा। साथ ही, प्रशिक्षित महिलाओं को एक्सपोजर विजिट, व्यवसायिक बकरी पालन की एक लाइव डेमो यूनिट भी लगाई जाएगी और जरूरतमंद महिलाओं को बकरी पालन हेतु बैंकों से ऋण दिलवाने में भी मदद की जाएगी। बाद में महिलाओं को 2 दिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। कार्यक्रम में राजीविका स्टाफ सहित स्वयं समूहों से जुड़ी हुई 60 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।

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