जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झुंझुनूं द्वारा
झुंझुनू, कोविड 19 संक्रमण की रोकथाम हेतु लॉकडाउन के दौरान झुंझुनूं की अदालतों में सामान्य कामकाज बंद है, लेकिन जेलों में भीड़ कम कराने की मुहिम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झुंझुनूं द्वारा लगातार कार्य कर झुंझुनूं जिले की अधीनस्थ अदालतों में 52 जमानत प्रार्थना पत्र पेश करवाये गए। उनमें से 16 में जमानत भी हो गई। खास बात यह रही कि इन मामलों में वकील की बहस नहीं हुई। न्यायालय ने ही जमानत प्रार्थना पत्र, पुलिस रिपोर्ट /लोक अभियोजक रिपोर्ट के आधार पर कोविड 19 की परिस्थितियों के तहत फैसला किया। जमानत प्रार्थना पत्र की कॉपी पुलिस और लोक अभियोजक को पहले ही देने की कार्यवाही की गई जिससे अपराधी की रिपोर्ट न्यायालय में सुनवाई से पहले पहुंची। इनमें से मजिस्ट्रेट कोर्ट में 35 और जिला एवं सत्र न्यायालय (डीजे कोर्ट) अथवा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालयों (एडीजे कोर्ट) में 17 जमानत के मामले पेश हुए। ये प्रार्थना पत्र 31 मार्च से 09 अप्रैल के बीच पेश हुए। उल्लेखनीय है कि अदालतो में कोरोना के कारण अत्यावश्यक मामले ही सुने जा रहे हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मधु हिसारिया ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) झुंझुनूं के निर्देशानुसार माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की पालना में पहली बार अपराध करने वाले विचाराधीन बंदियों को व सात वर्ष की सजा तक के प्रावधान वाले बंदियों को चिन्हित किया और उनकी जमानत प्रक्रिया आगे बढ़ाने का निर्णय किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झुंझुनूं ने जेल अधिकारियों से समन्वय कर जमानत प्रार्थना पत्र तैयार करवाए और बंदियों से हस्ताक्षर करवाकर संबंधित न्यायालय में पेश करवाया। जमानत प्रार्थना पत्र पेश करते ही पुलिस/लोक अभियोजक को कॉपी दी गई, जिससे बंदी की रिपोर्ट न्यायालय में तत्काल पेश हो। इस कार्यवाही के तहत 16 बंदियों की जमानत हुई।