उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] कस्बे के निकटवर्ती ग्राम घाटवा के माधोगढ़ डूंगर पर स्थित महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में पंचम महाशिवरात्रि मेला महोत्सव का आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया। मेले का शुभारम्भ सुबह 9:15 बजे श्री घाटवेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी संत रामदास जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके पश्चात बालाजी बगीची से घाटवेश्वर महादेव मंदिर तक शिव परिवार की सजीव झांकी के साथ निशान यात्रा निकाली गई। निशान यात्रा में सरपंच प्रतिनिधि हनुमान सिंह शेखावत, पूर्व सरपंच सुरेश मिश्रा, घाटवेश्वर महादेव मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष एडवोकेट रमेश पारीक, एडवोकेट श्रीराम कुमावत, अभियोजन अधिकारी हीरालाल कुमावत, सांस्कृतिक जागरण मंच घाटवा के संरक्षक सुरेश कटारिया, भारत तिब्बत सहयोग मंच के सोशल मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र सिंह शेखावत ‘सुरी’, हेमन्त घाटवा सहित कस्बे के कई जनप्रतिनिधि व गणमान्य लोग शामिल हुए। इसके पश्चात श्री घाटवेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना के उपलक्ष्य में 13 यजमान दम्पत्ति विराजमान हुए। यजमान जोड़ों में सरपंच प्रतिनिधि दातार सिंह शेखावत, पूर्व सरपंच सुरेश मिश्रा, एडवोकेट रमेश पारीक, संग्राम सिंह शेखावत, मालसिंह शेखावत, इन्द्रसिंह राठौड़, राजेन्द्र सैनी, नारायण लाल कुमावत, मोहनलाल कुमावत, रामेश्वर बड़गुर्जर, धनवंत नरूका, रामनिवास यादव व पं० मदनलाल शर्मा ने तेरह पार्थिव शिवलिंगों पर जलाभिषेक किया। इसके पश्चात पूजा- अर्चना कर भोग लगाया गया तथा श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। शिवरात्रि के उपलक्ष्य में मंदिर में विशेष सजावट की गई तथा मेले के आयोजन के लिए मेला विकास समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं की गई। स्थानीय व सुलियावास गांव के स्काउट व चितावा थाना के पुलिस प्रशासन ने भी मेले में व्यवस्थाएं बनाये रखी। इसके अलावा मेले से पूर्व तथा पश्चात में ग्रामीणों के साथ- साथ घाटवा के सर्वोदय बाल निकेतन माध्यमिक विद्यालय के नौनिहालों ने भी सफाई व्यवस्था में अपना योगदान दिया। सवेरे से ही मेले में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। आचार्य पं० मौली शर्मा सदाशिव ने घाटवेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक करवाया। इस दौरान सरपंच दातार सिंह, एडवोकेट रमेश पारीक, नारायण लाल, सुरेश कटारिया व जनप्रतिनिधियों सहित कई शिवभक्तों ने धर्म लाभ लिया। लगभग 950 फीट ऊंचाई पर बने मंदिर में आयोजित होने वाले मेले के धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए मेला विकास समिति के पदाधिकारी एडवोकेट रमेश पारीक ने अवगत कराया कि पांच वर्ष पूर्व महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर ग्रामीणों के सहयोग से माधोगढ़ डूंगर पर श्री घाटवेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण करवाया गया। एडवोकेट पारीक बताते है कि इसी स्थान पर आज से लगभग तीस- पैंतीस वर्ष पूर्व पार्थिव शिवलिंग की स्थापना कर कावड़ जल से अभिषेक किया। माधोडूंगर एक ऐसा ऐतिहासिक स्थान है, जहाँ पर लगभग पांच शताब्दी पूर्व गौड़ राजपूतों द्वारा नींव रखने के अवशेष प्राप्त हुए है। यहीं स्थान गौड़ों के लिए सुरक्षित था, जहाँ से शत्रु पर आसानी से नज़र रखीं जाती थी। आज यह ऐतिहासिक स्थान आस्था का केन्द्र बन गया है तथा साथ ही चारों ओर जंगली व पहाड़ी क्षेत्र होने से पर्यटन के रूप में विकसित होने जा रहा है। यहाँ पर लोग सुबह शाम घूमने आते हैं। इस जागृति व धार्मिक स्थल पर लोग खींचें चले आते हैं। मेले में गांधीग्राम, रिक्शा, मानजी की ढ़ाणी, करणपुरा, श्याम नगर सहित घाटवा कस्बे के हजारों श्रद्धालुओं ने मत्था टेककर मन्नतें मांगी। माधोगढ़ डूंगर पर लगा बैलून लोगों में आकर्षण का केन्द्र रहा। मेले में लगी अस्थाई दुकानों में लोगों ने खरीदारी की। बच्चें खिलौने खरीदते दिखाई दिये। शाम 4:15 बजे श्री घाटवेश्वर महादेव की भव्य श्रृंगार के पश्चात महाआरती की गई। इससे पूर्व दिन में श्रद्धालुओं द्वारा रूद्राभिषेक व महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया गया तथा सहस्त्र घट अभिषेक किया गया। रात्रि को कलाकार मदनलाल निराणिया एवं पार्टी द्वारा एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। इसी प्रकार कस्बे के बालाजी बगीची, घटवासन माता मंदिर, ठाकुरजी मंदिर, बाढ़ाजी मंदिर, इरणिया बालाजी मंदिर, रिक्शा मंदिर, बल्लुवाला शिव मंदिर, त्रिमूर्ति बालाजी मंदिर सहित कई शिवालयों में भक्तों ने जलाभिषेक किया।