महाशिवरात्रि पर पोषण विहीन बच्चो को रुफिल पिलायेगा दूध
राजेंद्र और उर्सुला जोशी फूड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (रुफिल) ने
जयपुर, स्विस डेयरी तकनीक को भारत में लाने और उच्च गुणवत्ता मानकों के लिए अपनी पहचान बनाने वाली कंपनी राजेंद्र और उर्सुला जोशी फूड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (रुफिल) ने इस बार महाशिवरात्रि पर एक नया कैम्पेन रुदूध छड्या क्या लाॅन्च किया है। यह अभियान दूध और डेयरी उत्पादों के सेवन से बच्चों को होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदों के बारे में जागरूकता पैदा करने के इरादे से शुरू किया गया है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। रुदूध छड्या क्या कैम्पेन के तहत, रुफिल ने उन बच्चों को 500 गिलास दूध देने की प्रतिज्ञा की है, जिन्हें रोजाना एक गिलास दूध भी नहीं मिल रहा है। रुफिल के डायरेक्टर अभिषेक जोशी ने कहा, ‘‘कुछ हालिया अध्ययनों के अनुसार यह पाया गया है कि भारत में लगभग 80 प्रतिशत आबादी प्रोटीन की कमी से जूझ रही है, और उनमें से अधिकांश बच्चे हैं। इन बच्चों को रोजाना एक गिलास दूध भी नहीं मिल पा रहा है। इन हालात को बदलने के लिए हमने अपनी तरफ से पहल करने का फैसला किया है, और हम अपने रुदूध छड्या क्या अभियान के हिस्से के रूप में 500 गिलास दूध दान करने का संकल्प लेते हैं। यह एक छोटी सी पहल है, जिसके माध्यम से हम भारत में प्रचलित पोषण संबंधी कमी के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहते हैं और इसे बदलने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।‘‘ पोषण और स्वाद के लिहाज से दूध को सर्वोत्तम पेय माना जाता है। दूध प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन, पोटेशियम, फास्फोरस और विटामिन बी 2 और बी 12 का अच्छा स्रोत है। रुफिल यह सुनिश्चित करता है कि उसके उत्पाद पोषक मूल्य से भरपूर हों और उनमें मिलावट हो। रुफिल के क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम को स्विस मान्यता प्रणाली द्वारा प्रमाणित किया गया है, जिसका अर्थ है कि रुफिल के प्लांट में बने उत्पाद सभी गुणवत्ता घटकों पर 100 प्रतिशत खरा उतरते हैं। रुफिल के अपने पोर्टफोलियो में दूध, दही, पनीर, मसाला छाछ, गाय का घी जैसे उत्पाद हैं और जल्द ही दही और क्रीम जैसे उत्पादों को जोड़ने की योजना है।