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भगवान राम के जीवन का अनुसरण कर स्वयं को भी बनाए सफल

श्रीपंचमुखी बालाजी मंदिर में चल रही राम कथा में कथा वाचक ने कहा

रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] शहर के श्रीपंचमुखी बालाजी मंदिर में चल रही राम कथा के चौथे दिन मंगलवार को कथा वाचक शंभुशरण लाटा ने कहा कि श्रीराम कथा तन व मन को पवित्र कर जीवन शैली व आत्मा को नया स्वरूप प्रदान करती है। राम कथा सुनने से व्यक्ति में नवीनता का भाव आता है तथा वह भव सागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के चरित्र में समाहित त्याग व तपस्या की बातों को सुनने से श्रोता के भीतर ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है। महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए समाज के समक्ष ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया, जिसके अनुसरण से मनुष्य का जीवन सफल हो जाता है, इसलिए मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के जीवन को आदर्श बनाकर हम सभी को सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहना चाहिए। कथा वाचक ने कहा कि राम कथा सुनने वालों पर भगवान राम के साथ-साथ हनुमानजी महाराज की कृपा भी बरसती है। महाराज ने मंगलवार को मां गंगा की महिमा, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार, विश्वामित्र के साथ जनकपुरी में प्रवेश, सीता स्वयंवर एवं राम विवाह के प्रसंगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस दौरान करमा बाई की कथा पर प्रस्तुत भजन ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान राजेंद्र बणसिया परिवार ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इंद्राज खीचड़, देवकीनंदन रिणवां, अजय बणसिया, तरुण, पप्पू कड़वासरा, रतनलाल मेघवाल, आनंद चौधरी, लक्ष्मीनारायण बणसिया, भागीरथसिंह राठौड़, गोपाल पारीक, सुशील बणसिया, विजय बणसिया सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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