झुंझुनूताजा खबर

मंडावा विधानसभा उप चुनाव पर वंशवाद का ग्रहण

दोनों प्रमुख दल है वंशवाद की चपेट में

झुंझुनू जिले की मंडावा विधानसभा क्षेत्र के होने वाले उपचुनाव के लिए संभावित दावेदारों ने दौड़-धूप शुरू कर दी है। सत्तासीन कांग्रेस पार्टी की बात करें तो कांग्रेस की तरफ से फिलहाल रीटा चौधरी मजबूत दावेदार दिखाई पड़ रही है लेकिन कांग्रेस के निष्कासित कांग्रेस नेता, रीटा चौधरी की हवा निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। साथ ही हारे हुए प्रत्याशी को बार टिकट दिए जाने पर भी वह सवालिया निशान लगाएगे। गत विधानसभा चुनावों में कांग्रेस रणनीति के तहत बी डी कल्ला को छोड़ कर किसी को भी टिकट नहीं दी थी ऐसी स्थिति मे रीटा चौधरी को टिकट देना कांग्रेस के लिए दुविधा की स्थिति बन सकती है। वहीं भाजपा की बात करें तो सांसद नरेंद्र खिचड़ के पुत्र अतुल खीचड़ भी मजबूत प्रत्याशी प्रतीत हो रहे है। लेकिन पार्टी के दूसरे नेता वर्तमान सांसद पर पूर्व सांसद संतोष अहलावत के अनुसरण का आरोप लगा सकते है। वहीं सांसद नरेंद्र खिचड़ मंडावा विधानसभा क्षेत्र में ही ज्यादा एक्टिव दिखाई पड़ रहे है जिसके चलते उनके पुत्र मोह के कयास भी लगाए जा रहे है। वही प्रतिद्वंदी दल के दो प्रमुख निष्कासित नेता भी भाजपा की टिकट के लिए आलाकमान के संपर्क में बताए जाते हैं। इसी खतरे को भांपते हुए भाजपा के मूल राजनेता जो कि विधानसभा चुनाव में टिकट पाने की आशा रखते हैं उन्होंने सांसद नरेंद्र कुमार एवं उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ से मिलकर अपनी मंशा साफ जता दी है कि टिकट हर हाल में भाजपा के मूल कार्यकर्ता को ही मिलना चाहिए। साथ ही इनकी अंतर भावना यह भी निकल कर आ रही है कि सांसद पुत्र अतुल खीचड़ को टिकट देने से जनता में वंशवाद को लेकर अच्छा संदेश नहीं जाएगा जिसका पार्टी आज तक विरोध करती रही है उसको आगे कैसे पोषित कर सकती है। लेकिन वर्तमान सांसद नरेंद्र खीचड़ भी लगता है संतोष अहलावत की तर्ज पर असुरक्षा की भावना से ग्रसित हो चुके जिसके चलते वे मंडावा विधानसभा से खुद को दूर नहीं कर पा रहे है। अगले चुनाव में यदि उनको भी पुनः प्रत्याशी नहीं बनाया जाता है तो वे अपनी सल्तनत मंडावा खोने से बचाने के लिए अपने पुत्र को यहाँ से प्रत्याशी बनाकर चुनाव जितवाना चाहते है।

Related Articles

Back to top button