
खामियाजा महिला श्रमिकों को भुगतना पड़ता है

बाघोली, [सीताराम सैनी ] ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाली मनरेगा कार्यों पर महिलाएं काम पर लगी रहती हैं और ज्यादातर पुरुष निठल्ले बैठकर ही टाइम पास करके घर चले जाते हैं। केवल महिलाएं ही तप्ती धूप में काम पर लगी रहती हैं।पुरुषों द्वारा काम नहीं करने पर नरेगा का काम कम होता है। जिसका खामियाजा महिला श्रमिकों को भुगतना पड़ता है। काम करने वाले सभी लोगों को मजदूरी कम मिलती है। ऐसा ही एक मनरेगा कार्य मणकसास गांव के पास श्मशान भूमि में चल रहा है जिसमें लगे महिला श्रमिक तो काम करती नजर आती हैं। लेकिन पुरुष श्रमिक निठल्ले बैठकर टाइम पास कर अपनी मजदूरी पका कर घर चले जाते हैं।