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शेखावाटी अंचल के साथ रेल व सड़क मामलो में हो रहा है भेदभावपूर्ण व्यवहार
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चूरू, पिछले 50 वर्षों से लगातार राजस्थान के मरू अंचल के साथ लगातार दीर्घकालिक उपेक्षापूर्ण व्यवहार कर रहा है तथा जनप्रतिनिधि रूचि लेने का दिखावा कर रहे है। यह कहते हुए रेल सड़क विकास सतत अभियान के संचालक माधव शर्मा ने कहा कि अपने अधिकारों के लिए जन संघर्ष की परम्परा खत्म हो जाने के कारण केन्द्र सरकार ने अपनी अनदेखी जारी कर रखी है। अनेक बार सर्वे हो जाने पर भी सूरतगढ , सरदारशहर , भालेरी , तारानगर , सादुलपुर और सरदारशहर , हनुमानगढ, सीकर , सालासर , बीदासर , नोखा रेल लाईनों की स्वीकृति नहीं हो रही है। इस तरह के कई मार्ग है। माधव शर्मा ने इन लाईनों की चर्चा करते हुए कहा कि चूरू ,सीकर को जयपुर से रेल संचालन की समस्त औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद भी रींगस ,जयपुर के लिए ट्रेन चलाने में विलम्ब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चूरू आदि में रेल लाईनों पर प्लेट फार्म को जोड़ने के लिए फुट ओवरब्रिज व आरओबी बनाने के कार्य भी शुरू नहीं हुए है। चूरू में एक्सीलेटर लगाने का काम भी स्वीकृति के बावजूद नहीं किया जा रहा है। चूरू स्टेशन परिसर की दिवार तोड़कर लोगों ने रास्ते बना लिए है और अतिक्रमण कर लिया है, मगर रेल्वे प्रशासन अनदेखी कर रहा है। एक और स्वच्छता अभियान देश में चल रहा है दूसरी और रेल्वे परिसर चूरू में झाड़ – झखाड़ और गंदगी बढ रही है। रतनगढ में रेल्वे की दोनों और की आबादी में आने जाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई ओवरब्रिज नहीं है। इसी तरह से इन क्षेत्रों में कई शहरों में आरओबी के मामलों में अनसुनी की जा रही है।