डॉ.कमल चन्द सैनी के नेतृत्व में
झुंझुनू, राइट टु हेल्थ बिल के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम झुंझुनू जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान सरकार राज्य के नागरिकों के लिए राइट टू हेल्थ बिल लाने जा रही है । इस संबंध में राज्य के निजी अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित राइट टू हेल्थ बिल किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है तथा इस बिल को राज्य के निजी अस्पताल सिरे से खारिज करते हैं । आल राजस्थान प्राइवेट हॉस्पिटल संघर्ष समिति का स्पष्ट मत है कि जब राज्य के नागरिकों को सभी स्वास्थ्य सेवाएँ पहले से ही निशुल्क उपलब्ध हैं तो इस बिल की आवश्यकता नहीं है ।
ये बिल राज्य के नागरिकों को स्वास्थ्य का कोई अतिरिक्त अधिकार नहीं देता दिखाई देता है । ये बिल मात्र निजी अस्पतालों पर प्रशासन की अनावश्यक दखलंदाज़ी को बढ़ावा देगा जिस से निजी अस्पतालों की गुणवत्ता प्रभावित होगी । चुनावी वर्ष में वोटर को लुभाने के लिए सरकार निजी स्वास्थ्य सेवाओं से प्रयोग कर रही है जो राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए घातक साबित होंगे तथा राज्य के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ दे रहा निजी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होगा । आल राजस्थान प्राइवेट हॉस्पिटल संघर्ष समिति ने इस बिल के विरोध में 16 मार्च से असहयोग आंदोलन को पुनः शुरू कर दिया है जो गत 25फ़रवरी को मुख्यमंत्री के आग्रह पर निलंबित कर दिया गया था । यदि इस बिल को तुरंत वापस नहीं लिया गया तो राज्य के निजी अस्पताल और तीव्र आंदोलन के लिए मज़बूर होंगे जिसकी सारी ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी ।