दर-दर भटक रही है 2013 एएनएम भर्ती की वंचित महिला अभ्यर्थी
पांच साल तक जिस सरकार का आने का इंतजार किया उसके आने के बाद भी 1 साल से दर-दर भटक रही है 2013 एएनएम भर्ती की वंचित महिला अभ्यर्थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2013 में 12278 एएनएम भर्ती निकाली थी लेकिन सत्ता परिवर्तन होने से प्रदेश में भाजपा की सरकार आ गई वंचित एएनएम भर्ती की महिलाओं की माने तो वसुंधरा राजे सरकार ने द्वेष पूर्ण कार्रवाई करते हुए इन पदों में से 6719 पदों की कटौती कर दी और 5559 पदों पर नियुक्ति दे दी गई। उस भर्ती की वंचित 6719 महिलाएं 6 साल से दर-दर अपनी भर्ती की पुनर्जीवित करने की गुहार लगा रही है। नर्सेज एसोसिएशन संघर्ष समिति की जिला अध्यक्ष उषा चौधरी ने बताया कि सरपंच से लेकर विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री तक हम इस मांग से सबको अवगत करवा चुके हैं. इन सभी से हमें मिला है तो सिर्फ सिर्फ आश्वासन आश्वासन और आश्वासन। इनमें से किसी ने भी हमें समय सीमा नहीं बताई कि हमें कब तक इस भर्ती को पुनर्जीवित करके नियुक्ति दे दी जाएगी। वहीं 6 साल से हम बेरोजगार बैठे हैं इसी भर्ती की आश में बहुत से बेरोजगार अभ्यर्थी अन्य भर्तियों में भी भाग नहीं ले पाई और इनमें से कई तो ओवर ऐज भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार में पिछले 6 साल से बेटियां धोखे पर धोखा खा रही हैं। उन्होंने बताया कि 16 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जनसुनवाई में वह जयपुर गई थी लेकिन मुख्यमंत्री बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे पर चले गए जिसके चलते मंत्री रघु शर्मा का उन्होंने घेराव कर अपनी समस्या से अवगत करवाया। जिसके बाद रघु शर्मा ने शाम को उनको सचिवालय में मीटिंग के लिए बुलाया। वहां पर अधिकारियों से बातचीत कर कहा कि हम आपकी भर्ती को पुनर्जीवित तो करना चाहते हैं लेकिन भर्ती को पुनर्जीवित करने का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री को है मैं आपकी बात उन तक पहुंचा दूंगा। उषा चौधरी ने बताया कि गहलोत सरकार द्वारा चुनाव से पहले उन्हें नियुक्ति देने का आश्वासन दिया गया था लेकिन यह आश्वासन अभी तक नियुक्ति में तब्दील नहीं हुआ है।