सीएमएचओ डाॅ निर्मल सिंह ने स्वास्थ्य भवन से झंडी दिखाकर किया रवाना
सीकर, जिले के उपभोक्ता मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच मौके पर ही करवा सकेंगे। केवल 15-20 मिनट में यह भी पता चल जाएगा कि उन पदार्थों में कितनी मिलावट है। रिपोर्ट आने के बाद विभाग की टीम संबंधित दूषित खाद्य सामग्री को मौके पर ही नष्ट करवा सकेगी। जिले को राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध करवाई गई मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब मोबाइल वैन को गुरूवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ निर्मल सिंह ने स्वास्थ्य भवन से हरी झंडी रवाना किया। इस मौके पर लेखा अधिकारी राजीव महला, संस्थापन अधिकारी राधेश्याम मीणा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी मदनलाल बाजिया, महमूद अली, नंदराम मीणा, जिला आशा समन्वयक केशरदेव पारीक, जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक नंदलाल पूनिया, जिला आईईसी समन्वयक कमल गहलोत, वरिष्ठ लिपिक राकेश माथुर, अरविन्द फोगाट सहित स्वास्थ्य भवन में कार्यरत सभी कर्मचारी मौजूद थे।
सीएमएचओ डाॅ निर्मल सिंह ने बताया कि यह मोबाइल वैन मिलावटी पदार्थों की जांच के साथ-साथ उपभोक्ताओं और व्यापारियों को मिलावट को लेकर जागरुक भी करेगी। यह लैब निर्धारित शैड्यूल के तहत अलग-अलग जगहों, बाजारों, मेलों और बड़े-बड़े समारोह में भेजी जाएगी। आमजन मौके पर ही खाद्य पदार्थों की शुद्धता की निशुल्क जांच कराकर रिपोर्ट ले सकेंगे। शैड्यूल के अनुसार क्षेत्र का कोई भी उपभोक्ता मौके पर दूध, दूध से बने पदार्थ, आटा, दाल, चावल, तेल, घी, मसाले, ठंडे पेय पदार्थ तथा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की जांच करा सकेगा।
फूड सेफ्टी स्टेण्डर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने चिकित्सा विभाग सीकर को एक मॉर्डन फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स उपलब्ध करवाई है। मोबाइल लैब में मिल्क एनालाइजर, हॉट एयर ओवन, हॉट प्लेट, मिक्सर ग्राइंडर, डिजिटल वेइंग स्केल, डिजिटल मल्टी पैरामीटर, हेड हेल्ड मीटर, डिजिटल रिफ्रेक्टोमीटर आदि जांच के अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दूध में फैट की मात्रा, मिलावट वाले स्टार्च, यूरिया, पानी में जीएच, टीडीएस, कंडक्टिविटी जैसे रसायनों की जांच मौके पर ही की जा सकेगी।