रीजाणी के निकट जीवा का बास जोहड़े में
झुंझुनूं, राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार करने वाले एक आरोपी को रविवार को कोर्ट ने जेल भेजा है। क्षेत्रीय वन अधिकारी रणजीत खींचड़ ने बताया कि रीजाणी के निकट जीवा का बास जोहड़े में मोर का शिकार करने की मुखबिर द्वारा सूचना मिली। जिस पर डीएफओ राजेंद्र कुमार हुड्डा के निर्देशन में वन विभाग की टीम को भेजकर मृत अवस्था में मिले मोर को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाने के बाद सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया। ग्रामीणों के सहयोग से मोर का शिकार करने वाले आरोपी भींवाराम बावरिया पुत्र चतरूराम बावरिया को नांद की रोही से गिरफ्तार किया गया। और साथ में एक तीर बाण कब्जे में लिया गया। जांच अधिकारी एसीएफ गुलजारीलाल जाट ने बताया कि ग्रामीणों व आरोपी के बयान के आधार पर आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। जिसे राजस्थान राज्य वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2,9,39,51 के तहत मामला दर्ज कर एक दिन के पीसी रिमांड पर भेजने के बाद छह जून तक जेल दिया गया। हालांकि आरोपी को कोरोना जांच के लिए बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डीएफओ राजेंद्र कुमार हुड्डा ने बताया वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वन्य जीवों का शिकार करने वाले के खिलाफ तीन से सात साल की सजा व 10 से 25 हजार रुपए तक जुर्माना के प्रावधान है। टीम में वनपाल अमित कुमार सैनी, सुल्तानसिंह, सुधीर, ओमप्रकाश,सुनील, महेश एवं अमरसिंह आदि शामिल थे।