मुख्य कार्यकारी ने अधिकारी प्रत्येक गांव की मुख्य समस्या को चिन्हित करवाया
झुंझुनूं , केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा जिले की ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषद के खातों में विकास कार्यों के लिये हस्तांतरित राशि छोटी व कम लागत की गतिविधियों के बजाय अब ज्यादा लागत वाली गतिविधियों में खर्च किया जायेगा। राज्य व केंद्रीय अनुदानों से गत पांच साल के दौरान सृजित परिसंपत्तियों के उपयोग का जिला परिषद द्वारा सर्वे करने के उपरांत पाया गया कि खर्च की गई कुल राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा कुछ व्यक्तियों को सुविधा पहुंचाने के लिये साफ सफाई, मिट्टी भराई, समतलीकरण, नाली निर्माण, सोख्ता गड्ढे जैसे छोटे छोटे टुकड़ों में कामों पर खर्च किया गया है। स्थानीय राजनीति के चलते गांवों की मुख्य समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया गया। गत 5 साल के दौरान इन अनुदानों के पेटे जिले की पंचायतीराज संस्थाओं को कुल 470 करोड़ करोड़ रुपये प्राप्त होने के बावजूद बड़ी आबादी वाले गांवों में मुख्य रास्तों तथा कीचड़ की समस्या बढ़ती ही जा रही है।इस स्थिति में सुधार के लिये जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने प्रत्येक गांव की मुख्य समस्या को चिन्हित करवाया है तथा ग्रामीण विकास से जुड़े अधिकारियों को पाबन्द किया है कि सबसे पहले मुख्य समस्या का निदान करने वाली 10 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं को स्वीकृत करावें। ग्राम पंचायतों के पास इस प्रकार के बड़े कामों के लिये पर्याप्त राशि नही होने पर पंचायत समितियों तथा जिला परिषद के पास इस मद में उपलब्ध 10 करोड़ रुपये से ग्राम पंचायतों के कामों को पूरा किया जायेगा।