चौधरी नारायण सिंह के सम्मान समारोह में
दांतारामगढ़ [ लिखा सिंह सैनी ] राजस्थान कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व दांतारामगढ़ के पूर्व विधायक चौधरी नारायण सिंह का राजनीतिक एवं सामाजिक सेवा में सफलतम छः दशक पूर्ण होने पर 25 दिसंबर बुधवार को पलसाना में चौधरी साहब का सम्मान किया जायेगा । सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कार्यकर्ता जनप्रतिनिधियों व सीकर जिले के सभी विधायकों सहित सैकड़ो लोग शामिल होगे ।
-चौधरी का राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन के सफलतम छः दशकों का सफर इस तरह रहा
डूकिया ग्राम पंचायत के वार्ड सन् 1954
डूकिया ग्राम पंचायत के सरपंच सन् 1956
दांतारामगढ़ के प्रथम प्रधान सन् 1959
सीकर जिले के जिला प्रमुख सन् 1962 में लगातार तीन बार
दांतारामगढ़ विधायक सन् 1972 में पहली बार
दांतारामगढ़ विधायक सन् 1980 में दुसरी बार
दांतारामगढ विधायक सन् 1985 में तीसरी बार
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री सन् 1988
दांतारामगढ़ विधायक सन् 1993 में चौथी बार
दांतारामगढ़ विधायक सन् 1999 में पांचवीं बार
दांतारामगढ़ विधायक सन् 2003 में छटवीं बार
राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष सन् 2004
राज्य मंत्री, किसान आयोग के अध्यक्ष सन् 2009
दांतारामगढ़ विधायक सन् 2013 में सातवीं बार
राजस्थान विधानसभा की कई समितियों के चेयरमैन एवं कांग्रेस पार्टी में पी.सी.सी सदस्य के अलावा भी कई पदों पर रहे है।
-चौधरी का जीवन परिचय
शेखावाटी के वरिष्ठ दिग्गज कांग्रेसी नेता चौधरी नारायण सिंह का जन्म दांतारामगढ़ के डूकिया ग्राम पंचायत के तुलसीरामपुरा में 13 मार्च सन् 1934 में हुआ। इनकी माताजी का नाम दडकी देवी एवं पिता का नाम पन्नाराम बुरड़क था जो एक तपस्वी महाराज की सेवा करते थे , उसी की बदौलत से नारायण सिंह को राजनीती में लगातार सफलता मिलती रही । इंटर तक शिक्षा पुरी करते ही पचास के दशक में राजनीती में प्रवेश कर पहली बार सन् 1954 में वार्ड पंच का चुनाव लड़ा और उसमें विजय रहे, और उस के बाद सन् 1956 में ग्राम पंचायत डूकिया से सरपंच पद का चुनाव लडा़ और उसमें सफलता हासिल की ,उसके बाद सन् 1959 में पंचायत समितियां बन जाने पर प्रधान का चुनाव लडा़ और दांतारामगढ़ तहसील के प्रथम प्रधान बनने का गौरव हासिल किया । 21 अगस्त सन् 1962 में जिला प्रमुख का चुनाव जीत कर नारायण सिंह सीकर जिले के तीसरे जिला प्रमुख बने और लगातार तीन बार 17 सालों तक जिला प्रमुख रहने का गौरव हासिल किया है । पहली बार सन् 1972 में दांतारामगढ़ विधानसभा चुनाव में दांता ठाकुर मदनसिंह को हराकर दांतारामगढ़ विधानसभा के पांचवे विधायक बने । सन् 1977 में फिर से चुनाव लड़ा त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण व धन की कमी से इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार दांता ठाकुर मदनसिंह चार सौ मतों से चुनाव जीत गए ,फिर भी नारायण सिंह ने हिम्मत नही हारी और सन् 1980 में जनता पार्टी के कल्याण सिंह कालवी को हराकर फिर से विधायक बने । सन् 1985 में तीसरी बार दांतारामगढ़ के पूर्व प्रधान जगदीश प्रसाद शर्मा को भारी मतों से हराकर फिर विधायक बने । उसी दौरान आपको राज्य सरकार में वन प्रर्यावरण व मतस्य विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया । सन् 1990 के चुनाव का फिर से मुकाबला त्रिकोणीय होने के कारण देवीलाल के पौत्र अजयसिंह चौटाला जनता दल पार्टी से चुनाव जीत गए ।आप का चुनाव लड़ने का सिलसिला जारी रहा और सन् 1993 में आप फिर से भाजपा के ठाकुर शिवनाथ सिंह को हराकर विधायक बने । सन् 2004 में एक साल तक आप राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष पद पर भी रहे है ,इस दौरान आपने सीकर लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव भी लडा़ था परन्तु लगातार दो बार सांसद रह चुके सुभाष महरिया से त्रिकोणीय मुकाबला होने से सांसद का चुनाव जीत नही पाए।अलबत्ता आप सन् 1993 से 2008 तक लगातार विधायक रहे इस दौरान आपने ठाकुर शिवनाथ सिंह , गोविंद सिंह लाम्बा व निर्दलीय उम्मीदवार मदन पुजारी को हराया । दिसंबर 2008 के विधायक चुनाव में एक बार फिर से त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण माकपा के अमराराम चुनाव जीत गए । इस हार के बाद आपको पार्टी के वरिष्ठ राजनेता होने के कारण किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया गया । सन् 2013 में आप दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ा और भाजपा के हरीश कुमावत को हराकर विजय रहे । इस बार आप दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सातवी बार विधायक बने थे। वार्ड पंच से लेकर सांसद के चुनाव लड़ने वाले चौधरी नारायण सिंह प्रदेश के पहले व्यक्ति थे । दस बार विधायक का चुनाव लड़ा उस में सात चुनाव जीते । तीन बार जिला प्रमुख का चुनाव जीते व एक – एक बार प्रधान व वार्ड पंच सरपंच के चुनाव जीते । एक बार सांसद का चुनाव लड़ा जिसमें विजय प्राप्त करने का अवसर नही मिल पाया । चौधरी नारायण सिंह ने अपने पुत्र की आखिरी चुनाव सभा में दांता में कहा था की में सोभाग्यशाली हूं की मेरा जन्म दांतारामगढ़ में हुआ और यहां के लोगों ने मेरे को आशिर्वाद देकर साठ सालों तक जो सहयोग व मदद की उसी की बदोलत से में राजनीति में हर पद पर रहा,मैं दांतारामगढ़ क्षेत्र वासियों का आभारी हूं । आप सभी का हमेशा मेरे और मेरे परिवार पर स्नेह बना रहे यही आशा करता हूं । अलबत्ता चौधरी साहब राजनीति में लम्बे समय तक रहने के बाद भी दांतारामगढ़ क्षेत्र में सरकारी कांलेज व नहर के पानी जैसे कई मूलभूत सुविधाओ से वंचित है । दांतारामगढ़ क्षेत्रवासी आशा व उम्मीद करते है की अब चौधरी साहब के पुत्र वर्तमान विधायक विरेन्द्र सिंह वंचित मूलभूत सुविधाओं का समाधान करेगें ।