अनुपम कायल, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत कार्यो की गुणवता सुनिश्चित करने के लिए जिले में अभियान से जुडें सभी विभागों में कार्यरत तकनीकी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ठेकेदारों का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रहलाद सिंह जाखड, अधीक्षण अभियंता ने बनाये जाने वाले एमपीटी, सीसीटी एवं अर्दन संरचनाओं में गुणवता बनाये रखने के लिए बरती जाने वाली सावधानियॉ वेस्टवियर, कम्पेक्ट, सोईल एवं मोस्च्यूर के बारे में विस्तृत रूप से प्रोजेक्टर के माध्यम से तथा श्रीनिवास नेहरा अधिशाषी अभियंता, नरेगा ने एमपीटी, ओवरफ्लो, वेस्ट वियर नॉन ओवरफ्लो सैक्शन, वाटरिंग डेन्सिटी, कम्पेक्शन, कोरवाल एवं की वाल बनाने के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया। राजेन्द्र हुड्डा, उपवन संरक्षक ने पाश्चर डवलपमेंट, वृक्षकुंज, में लोकल पौधे बड., पीपल, नीम, अरडू, इमली, कुमठा, बबूल, खेजडी आदि के लगाये जावे। वन भूमि , सिवाय चक भूमि, शमशान भूमि, गॉव के चौपाल में भी पौधे लगाये जा सकते है। इस के लिए स्वयं सेवी संस्था, स्कूल, जनप्रतिनिधि एवं आम जनता को जोडा जावे। अर्जुन सिंह रूहेला अधिशाषी अभियंता ने अवगत कराया कि पक्के निर्माण कार्यो की गुणवता हेतु चिनाई के पत्थर एवं उनमें गेप, सीमेन्ट बजरी का मसाला, आदि की गुणवता ऎस्टीमेट के अनुसार हो एवं बनाये जाने वाले स्टक्चर्स में पानी की निकासी सुनिश्चित की जावे, जिससे बनाया गया स्ट्रक्चर्स सुरक्षित रहे । रामचन्द्र चौधरी, अधिशाषी अभियंता, पंचायत समिति, खण्डेला ने पानी के टॉके एवं जल कुण्ड बनाने के संबंध में यथा नींव की सही तरीके से भराई, पायतन में सरिये साईज की अनुसार, मिटटी कुटाई एवं स्लेप की वाईब्रेशन से कुटाई करवाई जावे ताकि कुण्डों में दरार नहीं हो के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया। अनुपम कायल, अति0 मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने उपस्थित सभी को निर्माण किय जाने वाले स्ट्रक्चर में तकनीकी रूप से गुणवता का पूरा ध्यान रखे जाने के बारे में निर्देशित किया।
प्रशिक्षण में पंचायती राज विभाग ,जल संसाधन विभाग, पीएचईडी विभाग, भू-जल विभाग, जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग के अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता, क0 अभियंता, ठेकेदार एवं वन विभाग, के उपवन संरक्षक, रेन्जर्स, वनपाल ने हिस्सा लिया।