पशु विभाग के खाली पदों को लेकर
गुढ़ा गौडजी,[संदीप चौधरी] ज्ञापन में मरुसेना प्रदेशाध्यक्ष जयन्तमूण्ड ने बताया कि पशुचिकित्साधिकारी भर्ती परीक्षा 2013 में RPSC, अजमेर द्वारा जारी परिणाम सूची में 525 में से मात्र 374 पशुचिकित्साधिकारीयों को नियुक्ति दी गयी है एवं शेष बचे 154 पदों पर अभी तक नियुक्ति नही दी गयी है। राजस्थान प्रदेश में पशुपालन व कृषि पर निर्भरता के चलते पशुपालको को भी इस कोरोना महामारी ने चिंता में डाल दिया है व स्वाइन फ्लू, स्क्रब टाइपस व बर्ड फ्लू जैसी महामारी भी पशुधन के लिए एक मुश्किल दौर के दोराहे पर खड़ी है। इस कोरोना संकटकाल में पशुचिकित्साधिकारी भी अहम भूमिका निभा सकते है क्योंकि वो बायोसेफ्टी, बायोसेक्योरिटी एवम डिजास्टर मैनेजमेंट की ट्रेनिंग में पारंगत होने के साथ ही फील्ड में आने वाली परिस्थितियों को भली-भांति जानते है। वैसे भी भारत सरकार के मत्स्य एवं पशुपालन मंत्रालय के संयुक्त सचिव द्वारा जारी पत्र दिनांक-26/03/2020 और 08/04/2020 को राज्य सरकार को निर्देशो में कोविड-19 महामारी में पशुचिकित्सको की महता इंगित की गई है। आने वाले दिनों में FMD,HS एवं BQ जैसी बीमारियो का टीकाकरण नही होने से पशुपालको के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी है। प्रदेश में स्वीकृत 1900 पदों में से 1200 से अधिक पड़ खाली पड़े है जिस कारण पशुचिकित्सा के अभाव में पशुपालक एवं पशुधन संकट में है। प्रदेश की भौगोलिक दशाओं को देखते हुए अगर ऐसे में महामारी आ गयी तो रोक पाना मुश्किल होगा।