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नागौर भाजपा के भीष्म पितामह हरिश्चंद्र कुमावत पंचतत्व में विलीन

"अब जाग उठो कमर कसो,मंजिल की राह बुलाती है"

नगरपालिका में कनिष्ठ अभियंता की नौकरी छोड़कर 40 वर्ष पहले कुचामन नगरपालिका के चैयरमैन बने थे

हरिश्चंद्र पार्टी की मीटिंगों में गीत भी गाते थे “अब जाग उठो कमर कसो,मंजिल की राह बुलाती है”

दांतारामगढ़, कुचामनसिटी, [लिखा सिंह सैनी ] राजनीति में अपनी अलग ही पहचान रखने वाले भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हरिश चंद्र कुमावत का शुक्रवार को 79 वर्ष की आयु में कुचामन सिटी में निधन हो गया वै कुछ समय से अस्वस्थ थे। हरिश्चंद्र का जन्म 3 अप्रैल 1944 को कुचामन सिटी में हुवा,आपके पिता का नाम दूली चंद मारवाल (कुमावत) था जो उस्ताजी के नाम से जाने जाते थे, कुमावत ने वर्ष 1962 में जवाहर हाई स्कूल से मेट्रिक पास की उसके बाद वर्ष 1966 में पोलेटेकनिक कॉलेज अजमेर से सिविल इंजीनियर की डिग्री प्राप्त की एवं नगरपालिका में कनिष्ठ अभियंता पद पर नियुक्त हो गए,राजकीय सेवा से त्यागपत्र देकर वर्ष 1982 में नगरपालिका कुचामन सिटी से पार्षद का चुनाव भाजपा के टिकिट पर लड़ा एवं विजयी होकर कुचामन सिटी नगरपालिका के भारतीय जनता पार्टी के प्रथम चेयरमैन बने,कुचामन सिटी नगरपालिका को राजस्थान की सर्वश्रेष्ठ नगरपालिका बनाया जिसके परिणामस्वरूप 40 वर्षो तक नगरपालिका की बागडोर भारतीय जनता पार्टी के पास रही,भारतीय जनता पार्टी की स्थापना वर्ष 1980 में हुई,पार्टी स्थापना के बाद विधान सभा चुनाव वर्ष 1985 में आपने नावां विधान सभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर पहली बार विधान सभा में पहुंचे,वर्ष 1990 में दूसरी बार,वर्ष 1998 में तीसरी बार एवं वर्ष 2003 में चौथी मर्तबा नांवा का भाजपा विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व किया।आपने वर्ष 1994 का लोक सभा चुनाव मारवाड़ के दिग्गज राजनेता नाथूराम मिर्धा के सामने लड़ा था।नाथूराम मिर्धा आपसे बहुत स्नेह रखते थे बाबा नाम से विख्यात नाथूराम ने हरिश जी को अपना गोद बेटा बताते हुए आपके प्रथम विधान सभा चुनाव में अपनी पगड़ी हरिश के सिर पर रख कर कहा की मेरा गोद का बेटा है मेरी पगड़ी की बात मत गवा देना,हरिश विजयी रहे।नागौर जिले में भारतीय जनता पार्टी को गांव गांव, ढाणी ढाणी तक पहुंचाने का श्रेय हरिश को ही जाता है,आप नागौर भाजपा के 9 बार सर्वसम्मति अध्यक्ष रहे एवं संगठन को मजबूती प्रदान की,संगठन के कार्यों में आपका मुकाबला कोई कर ही नही सकता था,पूर्णरूपेण पार्टी के लिए समर्पित थे,राजनीति में आरोप लगाना आम बात पर 40 वर्षो के लम्बे राजनेतिक जीवन में आप पर कोई आरोप नही था,आपकी ईमानदारी, सादगी एवम मृदु व्यवहार की प्रतिपक्षी भी तारीफ करते रहे ह।पार्टी का उच्च नेतृत्व भी आपका पूरा सम्मान करता था, दांतारामगढ़ विधान सभा क्षेत्र से आपको वर्ष 2013 में एवं वर्ष 2018 में पार्टी ने टिकिट देकर चुनाव लड़ाया पर दोनो ही बार मामूली अंतर से चुनाव हार गए।नगरपालिका कुचामन सिटी के आप 2015 में भी चेयरमैन रहे एवं वर्ष 2018 में आपकी धर्मपत्नी यशोदा देवी चेयरमैन बनी एवं आप वाइस चेयरमैन रहे।आपको भारतीय जनता पार्टी के शासन काल वसुंधरा राजे ने शिल्प एवं माटी कला बोर्ड का चेयरमैन बनाया एवं राज्य मंत्री का दर्जा दिया।भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर सर्वाधिक चुनाव लडने एवं सर्वाधिक बार जिलाध्यक्ष रहने का आपका रिकॉर्ड रहा है,राजनीति एवं निजी जीवन में आप अजातशत्रु रहे,आपने सभी से दोस्ताना व्यवहार रखा,आप विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के निष्ठावान स्वयं सेवक रहे,संघ के संस्कारों को जीवन में उतारा,कभी भी अपने सिद्धांतों से समझोता नहीं किया,कभी गलत कार्य का समर्थन नही किया,जो कार्य विधि सम्मत होता आप घर बैठे ही करवा देते पर नहीं होने वाले काम के बारे में तुरंत मना कर देते थे।पूर्ण सात्विक जीवन जिया जैन मुनिश्री से प्रभावित होकर आप सूर्यास्त से पूर्व ही भोजन करते थे इस प्रतिज्ञा को जीवन पर्यंत निभाया,आप बनावटी बात कभी नही करते थे,व्यक्तिगत कार्यों की बजाय सार्वजनिक कार्यों को ज्यादा महत्व देते थे,हर कार्य लिखित में करते थे,आपने क्षेत्र की जन समस्याओं को लेकर खूब जन आंदोलन किए। एडवोकेट रमेश पारीक ने बताया की घाटवा में पेयजल की भयंकर समस्या थी,जिसके समाधान के लिए घाटवा भाजपा के कार्यकर्ता स्व मुरलीमनोहर जी पारीक ने लंबी अवधि तक आंदोलन किया,आप भी 5 दिनों तक आमरण अनशन पर रहे जिस कारण राज्य सरकार को झुकना पड़ा एवं क्षेत्र की जन समस्या का निराकरण हुवा।संघ से जुड़ाव होने के कारण आप सवेरे जल्दी उठ कर योग एवं प्राणायाम करते थे,पार्टी की मीटिंग में गीत भी गाते”अब जाग उठो कमर कसो,मंजिल की राह बुलाती है” आज भी हमारे कानो में गूंजता है।संगठन की मीटिंग में नियमित आते थे,सभी कार्यकर्ताओं की बात सुनते थे,कार्यकर्ताओं पर कभी गुस्सा नही किया,समझाने का अलग ही तरीका था, प्रत्येक कार्यकर्ता पर नजर रखते थे,मार्गदर्शन करते थे।लंबा राजनेतिक जीवन बेदाग छवि के साथ जीया,जीवन में मित्र ही बनाए,मतभेद रखने वालो से भी कभी मनभेद नही रखा। हरिश्चंद्र पंचतत्व में विलीन हो गए इनकी अंतिम यात्रा में नागौर जिले सहित आसपास के जिलों के काफी संख्या में पकक्ष -विपक्ष के रामनिवास गावड़िया विधायक परबतसर,निर्मल कुमावत विधायक फुलेरा ,खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल, सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती,पूर्व विधायक नांवा विजयसिंह चौधरी ,मकराना विधायक मुरावतिया, सीकर भाजपा नेता हरिराम रणवा, पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी, पूर्व जिला प्रमुख सुनिता चौधरी सहित अनेक जनप्रतिनिधियों सहित हजारों कार्यकर्ता व गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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