कोरोना काल के असली हीरो डॉक्टर्स
श्रीमाधोपुर(महेंद्र खडोलिया) डॉक्टर्स डे पर सभी चिकित्सकों वह डॉक्टरों का अभिनंदन होना चाहिए डॉक्टर को धरती का दूसरा भगवान माना जाता है क्योंकि यह वर्ग मरीज को मौत के मुंह से निकालकर दूसरा जीवन देते हैं इसलिए डॉक्टर को भगवान के रूप में माना जाता है। ऐसे में हमारे नारनौल जिला महेंद्रगढ़ निवासी जितेंद्र कुमार सैनी पुत्र ओम प्रकाश सैनी जो अपनी सेवाएं धनवंतरी अस्पताल मानसरोवर में दे रहे हैं। जितेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी से पूरा देश लड़ रहा है इस कोरोना महामारी को हराने के लिए हम रात दिन एक कर रहे हैं। इनके भयावह बीमारी को भगाने में लगे हुए हैं। जब से यह कोरोना महामारी चल रही है तबसे पूरे डॉक्टर से इस महामारी से निपटने के लिए लगे हुए हैं मैं मेरे घर परिवार को छोड़कर ड्यूटी दे रहा हूं। जितेंद्र कुमार बताते हैं कि 10 दिसंबर 2012 से लगातार सेवाएं दे रहा हूं उन्होंने बताया कि साथी डॉक्टर भी घर परिवार छोड़कर इस कोरोना महामारी को भगाने में हम प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सक और मरीज के बीच सीधा संवाद होता है। चिकित्सक का एक ही धर्म रहता है मरीज जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो। कोरोना में चिकित्सकों की भूमिका और भी बढ़ गई है पिछले तीन-चार माह से कोरोना रूपी महामारी से त्राहि-त्राहि मची हुई है और उन्होंने संपूर्ण मानव जाति को खतरे में डाल रखा है । देश और दुनिया के बड़े बड़े वैज्ञानिक इस महामारी का वैक्सीन ढूंढने में जुटे हुए हैं। व्यापक स्तर पर शोध चल रहा है । बरहाल जबसे कोरोना अस्तित्व में आया है तब से चिकित्सक योद्धा की भूमिका में है व भूमिका निभा रहे हैं। डॉ जितेंद्र कुमार सैनी जो नारनौल महेंद्रगढ़ निवासी हैं इन्होंने अपने घर की परवाह न कर परिवार को छोड़कर कोरोना पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं विकट और संकट की इस घड़ी में डॉक्टर्स की भूमिका सदैव अविस्मरणीय रहेगी। सही मायने में देखा जाए तो कोविड-19 के इस दौर में रियल हीरो डॉक्टर ही माना गया है, जो दिन रात सेवा करें हैं वह तन मन से जुटे हुए हैं। विपदा की इस घड़ी में चिकित्सकों का योगदान अविस्मरणीय रहेगा डॉक्टर डे यानी आज की दिन हम सभी को चिकित्सकों का सम्मान कर उत्साहवर्धन करना चाहिए। चिकित्सक जिन हालातों में काम करें हैं वह काबिलेगौर है वही शेखावटी की अंचल की बात करें तो सैकड़ों चिकित्सक ऐसे हैं जो प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे हैं बरहाल कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई हम चिकित्सकों के दम पर लड़ रहे हैं निश्चित रूप से हम इस मिशन में कामयाब होंगे व डॉक्टर से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करें हैं बल्कि उन्हें एक नया जीवन में दे रहे हैं इसलिए उन्हें देवदूत भी कहा जाता है डॉक्टर्स के समर्पण एवं ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के प्रतिवर्ष 1 जुलाई डॉक्टर से मनाया जाता है इसी कोरोना महामारी के से लड़ने के लिए हमारे भगवान डॉक्टर से हैं।