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पीएचसी मंगलूना का हुआ राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाणीकरण

सीकर, राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत सर्टिफाई होने वाले संस्थानों के नतीजे भारत सरकार द्वारा जारी किए गए हैं जिनमें सीकर जिले की पीएचसी मंगलूना, ब्लॉक नेछवा, जिला सीकर ने 85. 8% स्कोर प्राप्त कर राष्ट्रीय प्रमाणीकरण प्राप्त किया है। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में राष्ट्रीय प्रमाणीकरण प्राप्त करने वाला मंगलूना दूसरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना है। इससे पूर्व 2021 में पीएचसी मूंडरू ब्लॉक श्रीमाधोपुर जिला सीकर ने राष्ट्रीय प्रमाणीकरण हासिल किया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह के नेतृत्व में जिला क्वालिटी सेल मई 2022 से लगातार संस्थान पर भ्रमण कर गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम की चेक लिस्ट के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने हेतु प्रयासरत थी। जिले में गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हर्षल चौधरी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह के निर्देशानुसार जिला दक्षता मेंटर डॉ सावित्री चौधरी, जिला क्वालिटी सेल मेंबर नरेश लमोरिया तथा रतन सिंह ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मंगलूना पर व्यवस्थाएं गुणवत्ता पूर्ण करने हेतु आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किए तथा संस्था के पाए गए गैप्स को दूर करवा कर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाणीकरण के लक्ष्य तक पहुंचाने में सहायता की। ब्लॉक लक्ष्मणगढ़ के ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ शीशराम चौधरी, ब्लॉक नेछवा के ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कर्मवीर, संस्थान के पूर्व चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ वसीम तथा वर्तमान चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ रुखसार शेख तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टीम ने जिला टीम के निर्देशानुसार तथा एनक्यूएएस कार्यक्रम की चेक लिस्ट अनुरूप व्यवस्थाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जिसके परिणाम स्वरूप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मंगलूना राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणीकरण प्राप्त कर सका । पीएचसी मंगलूना का विभागवार स्कोर ओपीडी 84.66%, आईपीडी 88.19%, लेबोरेट्री 97.16%, लेबर रूम 89.07%, नेशनल हेल्थ प्रोग्राम 81.36%, जनरल एडमिन 83.63% रहा है। प्रमाणीकरण के पश्चात भारत सरकार से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 3 लाख रूपये प्रतिवर्ष राशि प्राप्त होगी, प्रथम वर्ष की राशि इस परिणाम के आधार पर प्रदान की जाएगी, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में पुनः मूल्यांकन में सफल रहने पर राशि पीएचसी को देय होगी। उक्त राशि का उपयोग पीएचसी सेवाओं में गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने हेतु कर सकेगी।

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