राजपूत आरक्षण मंच राजस्थान के पदाधिकारियों ने विधानसभा चुनावों में भाजपा के विरोध में मतदान करने को लेकर सोमवार को कस्बे के निजी होटल में प्रेसवार्ता का आयोजन किया। राजपूत आरक्षण मंच अध्यक्ष सम्पत सिंह शेखावत ने बताया कि राजस्थान में राजपूत समाज पिछले 20 वर्षो से ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर आन्दोलनरत है। राजस्थान का राजपूत समाज पिछले 70 साल से गैर कांग्रेसी पृष्ठभूमि में रहा है। पिछले दो कार्यकाल वर्ष 2003 से 2008 तथा वर्ष 2013 से 2018 तक राजस्थान में भाजपा की सरकार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में रही है। आरक्षण मंच पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री राजे पर समाज के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। कहा कि मुख्यमंत्री जब झालावाड़ से सांसद थी तो दिनांक 26 फरवरी 2003 को राजपूत समाज को लिखकर दिया था कि राजपूत समाज को ओबीसी वर्ग में आरक्षण मिलना चाहिए चाहे मुझे तथा मेरे परिवार को आरक्षण का लाभ मिले या नहीं मिले। राजपूत समाज के साथ मुख्यमंत्री ने धोखा किया है। पिछले 3 वर्षो से राजपूत आरक्षण मंच राजस्थान ने समय-समय पर सरकार से मांग रखी कि शीघ्र ही ओबीसी कमीशन से सर्वे करवाया जाकर ओबीसी कोटे में आरक्षण का लाभ राजपूत समाज को दिया जावें। मुख्यमंत्री की तानाशाही और आतंक के कारण से समाज के विधायको द्वारा इस विषय पर सही तरीके से समाज की पैरवी नहीं करने के चलते राजपूत समाज के विधायको का भी भारी विरोध है। नीमकाथाना के वर्तमान विधायक प्रेम सिंह बाजौर ने राजपूत समाज की आरक्षण की मांग पर समाज का सहयोग नहीं किया विधायक ने समाज के साथ धोखा किया। प्रदेश कार्यकारिणी एवम् प्रदेश प्रतिनिधि सभा के सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव तथा समाज के अन्य सामाजिक संगठनो विचार -विमर्श के पश्चात आरक्षण मंच की कोर कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि विधानसभा चुनाव 2018 में राजपूत समाज भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मतदान करेगा। भाजपा को हराने में सक्षम उम्मीदवार को अपना समर्थन देगा। आरक्षण मंच की प्रदेश कार्यकारिणी ने यह निर्णय लिया है कि नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र मं कारगिल युद्ध के हीरो वीर चक्र विजेता जयरामसिंह तंवर डाबला का समर्थन करता है ।