बच्चों के सामने नशा ना करें, परिवार ही पहली पाठशाला: डॉ. कपूर थालौर
झुंझुनू, पुलिस व राजस्थान महिला कल्याण मंडल झुंझुनूं के संयुक्त तत्वावधान में बाल नशा मुक्ति एवं बाल संरक्षण के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रिजर्व पुलिस लाइन सभागार में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि बाल मनोचिकित्सक डॉ. कपूर थालौर ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि नशा मुक्ति रोकथाम के प्लान में सबसे पहले जिले की विद्यालयों के पास पड़ौस स्थित गुटका, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी व मदिरा आदि की दुकान नहीं होनी चाहिए। बच्चों की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होती है। बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिए। बच्चे अपनी नादानी के अंदर जो सामने देखते हैं। वहीं अपने जीवन में ग्रहण करने की कोशिश करते हैं। उनमें सीखने की जिज्ञासा होती है। इसलिए वह अपने से बड़ों को नशा करते देख उसे करने की कोशिश करते हैं। इसलिए बच्चों के सामने किसी प्रकार का नशा ना करें। इसका विशेष ध्यान रखें। आगे कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजकीय खेतान भगवान दास हॉस्पिटल के सुप्रीडेंट सज्जन सिंह पूनियां ने बाल नशा को सामाजिक कुरीति बताया है। बाल नशा एक अभिशाप है। इस को मिटाना बहुत ही मुश्किल कार्य है। बालपन में बालक अपने आसपास में जो देखता है। जो समझता है। उसी को अपने जीवन में उतार लेता है। इसलिए अपने पास पड़ौस के परिवेश को धूम्रपान, तंबाकू, गुटका रहित बनाने का प्रयास करें। इस लड़ाई से लड़ने के लिए समाज को एकजुट होना पड़ेगा। मानव तस्करी प्रकोष्ठ गुमशुदा यूनिट के सीआई गुलाबसिंह ने आए हुए अतिथि का सम्मान करते हुए राजस्थान महिला कल्याण मंडल झुंझुनंू के जिला समन्वयक राजेंद्र सिंह, रेस्क्यू कोर्डिनेटर महेंद्र सिंह, रानी शिखा गुप्ता के नंबर सभी को अंकित करवाएं। संस्था की चुरु जिला समन्वय रुकैया पठान ने समस्त बाल कल्याण अधिकारी ए.एच.टियू. टीम में आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए संस्था के कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के सहयोग से संचालित बचपन बचाओ आंदोलन व एक्सेस टू जस्टिस फॉर चाइल्ड फेस टू परियोजना के तहत राजस्थान के पाच जिले अजमेर, चूरू, झुंझुनूं, बीकानेर, नागौर में बाल संरक्षण एवं बाल अधिकार जागरूकता एवं बाल सरंक्षण पर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा बालकों को उनके अधिकारों के प्रति सजग और बाल विवाह, बाल यौन शोषण, बाल तस्करी, बाल मजदूरी के प्रति विद्यालय, नरेगा, हाउसहोल्ड सर्वे जागरूकता कार्यक्रम कर रही है।
बाल विवाह से संबंधित झुंझुनूं जिले के 5 ब्लॉक के 195 राजस्व गांव को मार्च 2023 तक बाल विवाह मुक्त करने का लक्ष्य लेकर 15 कम्यूनिटी सोशल वर्कर गांव-गांव जाकर जागरूकता कार्यक्रम कर रहे हैं। अब तक मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ यूनिट झुंझुनूं, कोतवाली, चिड़ावा, पिलानी, सूरजगढ़ थाना क्षेत्र के बाल कल्याण अधिकारियों के सहयोग से संयुक्त रूप से संस्था द्वारा जून माह में आठ बाल श्रम करते हुए बालकों को मुक्त करवाया गया है। उपस्थित सभी अधिकारीगण बस संस्था कार्यकर्ताओं के द्वारा बाल विवाह मुक्त पोस्टर विमोचन कार्यक्रम किया गया। वह सभी को बाल विवाह न करने की शपथ दिलवाई गई। कार्यक्रम में राजस्थान महिला कल्याण मंडल संस्था के कार्यकर्ता एस कुमार सैनी, नरेंद्र सिंह भाटी, अनिता चौधरी, मिनाक्षी सैनी, एएचटीयू सुरेश कुमार, एएसआई सुरेश कुमार, हैड कांस्टेबल सुनील कुमार, कांस्टेबल अरविंद कुमार, कांस्टेबल शैलेंद्र कुमार, कांस्टेबल व जिले के समस्त थानों से पधारे हुए बाल कल्याण अधिकारी क्रमशः मंजू एएसआई, रामसिंह एएसआई, प्यारेलाल एसआई, रमेश कुमार एएसआई, देवेंद्र कुमार, कैलाश सिंह, सत्यवीर सिंह, होशियार सिंह, सुभाषचंद्र एएसआई, सज्जन सिंह पूनियां, अरविंद कुमार, शीशपाल, रामपाल, राजकुमार एसआई, सज्जन सिंह मीणा एसआई, शीशराम, इंद्राज सिंह एएसआई, विजय सिंह एएसआई, सुमेर सिंह, एएसआई कंचन, एसआई विद्याधर शर्मा, कैलाशचंद्र शर्मा, महेंद्रसिंह व नरेश कुमार सैनी आदि मौजूद थे।