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वर्तमान सरपंचों पर भी गिर सकती है गाज
झुंझुनू [के के गाँधी ] जिले में अपने कार्यकाल के दौरान पद का दुरुपयोग करने पर 33 पूर्व सरपंच व 5 पूर्व वार्ड-पंचों को संभागीय आयुक्त ने पंचायती राज अधिनियम की धारा 38(3) के तहत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया है| जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि पिछले कार्यकाल के परिनिर्णय लेखबंद करने पर श्रीमती कुलसुम बानो पाटोदा, उमेद सिंह कुलोठ कला, श्रीमती जुबेदा बानो धनूरी, श्रीमती कमला देवी भावरिया पचलंगी, संतलाल नांगलिया गुजरवास, श्रीमती दीपा जांगिड़ मंडेला, श्रीमती अनीता भीर्र, ठाकुर सिंह रवां, श्रीमती सुनीता देवी बहादुरवास ,श्रीमती कमला देवी बुगाला ,मूलचंद सैनी पौंख, विनोद कुमार प्रजापति मलसीसर, श्रीमती सुनीता देवी ढाका बहादुरवास, बंशीधर मीणा टोडपुरा ,श्रीमती संतोष देवी दूड़ीयां ,ख्यालीराम दूड़ीयां, श्रीमती कविता देवी घरडाना कला ,धर्मपाल अहीर सोहली, श्रीमती विमला देवी डूंडलोद ,महेंद्र सिंह मोई सदा, विक्रम सिंह पचेरी कला ,सुभाष चंद्र भैसावता खुर्द, गिरधारी लाल मीणा सिहोड़,ओमप्रकाश बाहरा पचेरी कला ,महेंद्र सिंह लूनिया मौई सदा, मातादीन रायपुर अहिरान, श्रीमति रूडी देवी झाझा, श्रीमती संतोष देवी मौई सदा, श्रीमती भुगानी देवी निराधनु ,श्रीमती सुशीला देवी निराधनु, लक्ष्मण प्रसाद शर्मा केड,श्रीमती शशीकांता बड़बर, आसाराम इस्लामपुर के पूर्व सरपंचों को अयोग्य घोषित किया गया है। इसके अलावा 5 वार्ड पंच को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। इसी क्रम में पंचायती राज अधिनियम की धारा 19(झ) तथा धारा 19(ड़) में पंचायती राज संस्था द्वारा आरोपित कर फीस या देनदारीओं को चुकाने का नोटिस जारी होने के उपरांत उक्त राशि जमा नहीं करवाई जाती है तो बकायादार को चुनाव के लिए निर्योग्य ठहराया जा सकता है ! नोटिस की अवधि 2 माह के भीतर यदि जनप्रतिनिधि चुन लिया जाता है तो धारा 38 के तहत चुनाव होने के बाद भी अयोग्य घोषित किया जा सकता है। में जिले के 150 वर्तमान सरपंचों में ग्राम पंचायतों की बकाया वसूली के कारण निर्योग्य ठहराया जा सकता है । वसूली जमा न होने तक चुनाव के लिए अपात्र घोषित करने के लिए राज्य सरकार को सूचित किया गया है। जिला परिषद एवं पंचायत समिति स्तर से इस प्रकार के बकायादारों की सूची तैयार कर ली गई है। अगले 3 दिन में कुछ और सरपंच भी निर्योग्य घोषित हो सकते है, जिनके बारे में 7 जनवरी तक अंतिम निर्णय नही होता है तो निर्वाचन के बाद संभागीय आयुक्त द्वारा निर्योग्य घोषित किया जा सकता है।