जिले के प्रभारी मंत्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के महत्वाकांक्षी अभियान मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को समय की जरूरत बताते हुए लोगों को आगाह किया कि हमें जल के महत्व को समझना होगा। दुनिया में पानी और खून दो ऐसी चीजें जो किसी भी कारखाने में तैयार नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि जिसको इन्सान बना नहीं सकता, कम से कम बचत करके उसका संरक्षण तो कर ही सकता है। पानी की यही संरक्षित बूंदें हमारे भविष्य को निर्धारित करेगी। हमें पानी की कद्र करनी चाहिये। टीटी बुधवार को जिला एवं लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ जिले की नवलगढ़ पंचायत समिति के ग्राम पंचायत कसेरू के गांव अजीतपुरा के खातानी जोहड में श्रमदान करने के बाद उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं ग्रामवासियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि धरती की सतह से एक हजार फीट तक का पानी खत्म हो चुका है, यदि हम बारिश के पानी को संरक्षित नहीं करेंगे तो भविष्य में हमारे जीवन की कल्पना बेमानी होगी। प्रभारी मंत्री ने जिले के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं स्थानीय ग्रामवासियों द्वारा किये गये गांव अजीतपुरा के खातानी जोहड के क्षेत्र में हो रही खुदाई पर प्रसन्नता व्यत करते हुए कहा कि आप लोगों ने इसका क्षेत्रफल अच्छा रखा है, इससे गांव के लोगों और पशुधन के लिये पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बारिश को संरक्षित करने के लिये ही मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की संकल्पना की है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस अभियान से पानी के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव आयेगा और धरती पर अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण को शुद्ध करने में अपना पूरा सहयोग करेंगे। पेड़ों से ही वर्षा होगी और वर्षा से ही धरती का जल स्तर सुधरेगा।
प्रभारी मंत्री ने इस जोहड़ को गोद लेकर इसे विकसित करने पर हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि पुलिस ने जन सेवा की अपनी जिम्मेदारी को समझ कर इस जोहड़ को गोद लिया है। ऐसी ही जिम्मेदारी सभी लोगों को समझनी होगी, तब जाकर हम राज्य को जल संकट से उबार सकते हैं। इस अभियान की सफलता के लिये जिले की सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को एक जुट होकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने अभियान में आर्थिक सहयोग देने वाले दानदाताओं की तारीफ करते हुए कहा कि पैसा तो कोई भी कमा सकता है, लेकिन उसका सदुपयोग करने वाले को पीढिय़ां याद रखती है।
जिला कलटर दिनेश कुमार यादव ने कहा कि इस जोहड़ में बारिश का पानी लाने के लिये पड़ौसी गांवों के पानी को भी इससे जोडऩा होगा, ताकि पानी का अधिक संरक्षण संभव हो सके। उन्होंने पुलिस को जोहड़ की खुदाई में जिला प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों के श्रमदान के सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी ही सोच गांव के प्रत्येक व्यक्ति में पैदा होनी चाहिये जिससे कि उनमें व्यर्थ बहने वाले पानी का दुरूपयोग रोकने एवं सदुपयोग करने की भावना पैदा हो सके। पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल एवं अतिरित पुलिस अधीक्षक नरेश कुमार मीणा ने पुलिस जवानों के साथ जोहड़ की खुदाई करते हुए बताया कि इस जोहड़ को जिला पुलिस ने गोद लिया है। उन्होंने बताया कि इसमें आज जिला प्रशासन ने हमारा सहयोग किया है इसके लिये हम सब आभारी है। उन्होंने बताया कि इससे लोगों में एक अच्छा संदेश भी जायेगा।
अतिरित जिला कलटर मुन्नीराम बागडिय़ा ने जोहड़ की खुदाई में सबसे ज्यादा श्रमदान कर एक मिसाल पेश की कि हमारा यह श्रमदान भविष्य के जीवन की नींव है। उन्होंने सरकारी योजनाओं को जन योजनाएं बनाने पर जोर देते हुए कहा कि जब तक योजनाओं को जनसहयोग नहीं मिलेगा, तब तक उनका लाभ भी नहीं मिलेगा। इसलिये इनसे जनता को जोडऩे की जरूरत है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी बुनकर ने कहा कि मुख्य मंत्री जल स्वावलम्बन का तीसरा चरण प्रगति पर है और चौथे चरण की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से कुओं के जलस्तर में जहां सुधार हुआ है वहीं हैंड पम्पों मेेंं भी पानी आने लगा है। यही राज्य सरकार की मंशा थी कि भूजल स्तर में सुधार हो और इसके परिणाम हमारे सामने है।
नवलगढ़ के प्रधान गजाधर ढाका ने ग्राम पंचायत मांडासी के गांव घोड़ीवारा स्थित बालाजी के पास स्थित कुंड को विकसित करने के लिये गोद लेकर लोगों के लिये एक मिसाल पेश की।
कार्यशाला में किया दानदाताओं को सम्मानित
इस अवसर पर उप वन संरक्षक आर.एल. मीना, पुलिस उप अधीक्षक शहर गोपाल शर्मा, पुलिस उप अधीक्षक नवलगढ़ प्रभाती लाल चौधरी, पुलिस ऑफिसर एवं पुलिस लाइन जाप्ता, सरपंच अनीता मील, पंचायत समिति सदस्य प्यारे लाल, एसडीएम नवलगढ़ दुर्गा प्रसाद मीणा, तहसीलदार पूरण सिंह, विकास अधिकारी सुखदेव सिंह सहित अनेक जिला एवं लाक स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।