झुंझुनू , सहभागी राजपूत परिवार की प्रैस वार्ता आज झुंझुनू के खेतडी महल में आयोजित हुई । प्रैस वार्ता में अध्यक्ष इंजीनियर महावीर सिंह शेखावत झाझड , संरक्षक कर्नल श्री शौकत खां ने बताया कि 10 मार्च को सम्पन्न हुई श्री क्षत्रिय अधिकार महारैली में हजारों की संख्या के बीच में बताए गए दस क्षत्रिय अधिकारों को नही मानने एवं राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा हमारी हो रही लगातार अनदेखी को रोकने के लिए हमने सम्बंधित राज्य ,केन्द्र सरकार एवं राष्ट्रीय पार्टियों को चेताया था कि अगर रैली के तुरन्त बाद हमें वार्ता के लिए नही बुलाया गया तो हम तीव्र आन्दोलन शुरू करेंगे । मगर आज तीन दिन बीत जाने के उपरान्त भी हमें ना तो किसी पार्टी और ना ही किसी सरकार से कोई निमंत्रण मिला । अतः अब यदि 15 मार्च तक भी कोई कार्रवाई नही होती है तो 16 मार्च से झुंझुनू , सीकर , चुरू ,नागौर लोकसभा क्षेत्रों में नोटा यात्रा शुरू होगी । यह यात्रा चारों लोकसभा क्षेत्रों में हर गांव, ढाणी , घर तक जाएगी । आगामी लोकसभा चुनावों में हम इन क्षेत्रों में नोटा का विश्व कीर्तिमान स्थापित करेंगे ।ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि राजनैतिक पार्टियां हमारे अधिकारों की अनदेखी कर रही है । हम राजनैतिक पार्टियों को यह दिखाएंगे कि सहभागी राजपूत परिवार का खून का रिश्ता है और यह रिश्ता सभी पार्टियों और धर्मों पर भारी पडेगा ।आपको ज्ञात रहे कि मुख्य मांगों में ई डब्लयू एस आरक्षण सम्बंधित सभी पहलू , कायमखानी राजपूतों के लिए केन्द्र सरकार में आरक्षण, इससे पहले श्री क्षत्रिय अधिकार महारैली को सफल बनाने के लिए मुख्य कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया गया । यह भी तय हुआ कि सहभागी राजपूत परिवार का हर बच्चा अपने सम्पूर्ण अधिकारों की पूर्ति नही होने तक विरोध स्वरूप आजीवन काला धागा अपने हाथ पर बांधेगा । यह सहभागी राजपूत परिवार के हर सदस्य की पहचान होगी । प्रैस वार्ता में अयूब खां माखर, मनवर खां खुडाणा , वली मोहम्मद खां हासलसर , बलवीर सिंह हीरवा , जाकिर खां किढ़वाणा , मुराद खां किढ़वाणा , जंगशेर खां गिडाणिया , मुश्ताक खां ओजटू, जफ़र खां बख्तावरपुरा , मुश्ताक खां लाम्बा , महेन्द्र सिंह बिरमी, राजेन्द्र सिंह बाडा की ढाणी ,जितेन्द्र सिंह सुल्ताना , जितेन्द्र सिंह मैनास , बच्चन सिंह लिखवा , नरेन्द्र सिंह बलौदा, इसहाक अली बैसवा ,महबूब खां नूंहा , भंवर सिंह मल्सीसर , जितेन्द्र सिंह गिरधरपुरा , मुश्ताक खां लाम्बा , मुंशी खां बैसवा ,शबीर खां भगासरा , महावीर सिंह बारवा , महिपाल सिंह गाडराटा, लक्ष्मण सिंह जीतावता की ढाणी सहित काफी क्षत्रिय शामिल हुए।