खेतड़ी , पूर्व उर्जा मंत्री डॉ जितेन्द्र सिहं ने कहा कि पत्रकार देश का आइना है पत्रकार राष्ट्र का चौथा स्तम्भ है वो आज रविवार 22 अप्रेल को ग्राम शिमला मे आइना ए शेखावाटी द्वारा आयोजित स्व. टी सी प्रकाश स्मृति सम्मान समारोह मे बोल रहे थे। डॉ जितेन्द्र सिहं ने कहा कि आज सरकार छौटे समाचार पत्रों की उपेक्षा कर रही है उन्हे विज्ञापन नही दे रही है जिसके बगैर उनका प्रकाशन सम्भव नही हो पा रहा है। सरकार को अखबारो की उपेक्षा नही करनी चाहिये। सर्वप्रथम आइना के सम्पादक तथा कार्यक्रम के संयोजक रामानन्द शर्मा ने स्वागत भाषण दिया तथा आगन्तुक अतिथियो का स्वागत किया। समारोह के अध्यक्ष राजेन्द्र सिहं यादव विधायक कोटपूतली ने कहा कि आइना रूपी पौधा आज वटवृक्ष का रूप लेने जा रहा है। लघु समाचार पत्र सरकार को सच का आइना दिखाते है। लघु समाचार पत्र निकालना आज कठीन हो रहा है उन्होने कहा कि मै अबकी बार विधानसभा मे अखबारो की इस मांग को उठाउँगा। समारोह मे श्री श्री 1008 सौरभ राघवेन्द्राचार्य जी महाराज, विश्व के महान मुर्तिकार मातुराम वर्मा, जे.पी सैनी मार्केट कमेटी चेयरमैन नारनौल, यादव महासभा के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र बोहरा, जतिन शर्मा चला, पूर्व प्रधान बजरंगसिहं चारावास, गोकुलचन्द सैनी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष खेतडी, डॉ आर प्रकाश शास्त्री, राव ईश्वर सिहं, नरेश मान जिला साक्षरता अधिकारी झुंझुनू, सुरेश मान कृषि अधिकारी झुंझुनू, सुरेन्द्र सिहं यादव ए डी ओ अलवर, रवाँ सरपंच प्रतिनिधी शिवकुमार जेवरिया, शिमला के पूर्व सरपंच भुपसिहं यादव, बजरंग लाल बबलू, विक्रम शिमला, पूर्व सरपंच शेरसिहं कृष्णिया मान्दरी, गाडराटा सरपंच राजेश खटाना, दिनेश साँखला, यशपाल यादव, विजयपाल यादव, भरत मिश्र प्राची, मुलचन्द मिश्रा बबाई, जय जनार्दन शर्मा सी.ए जयपुर, जुगलकिशोर शर्मा निमकाथाना, घीसाराम सरपंच पूर्व सरपंच ढोसी, नवीन यादव राईम किडस आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अनिल शर्मा ने किया। कार्यक्रम मे पत्रकारो, साहित्यकारो व विभिन्न क्षेत्रो मे समाजसेवा करने पर गोल्ड मैडल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम मे आस पास के अनेक जन प्रतिनिधियो व ग्रामीणो ने भाग लिया। कार्यक्रम मे आईना परिवार द्वारा प्रतिभागियो को प्रतिक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत मे 2 मिनट का मौन रखकर प्रकाश जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। धन्यवाद ज्ञापित बजरंगलाल बबलू ने किया।