कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से जिले में संचालित किए जा रहे पोषण अभियान के तहत प्रतिदिन जागरूकता व अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 22 मार्च तक विशेष पोषण पखवाड़ा मनाया जाएगा, ताकि कुपोषण के प्रति आमजन को जागरूक किया जा सके। 8 मार्च से शुरू हुए इस पखवाड़े के दौरान मुख्यत: गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोरी बालिकाओं को पोषण की जानकारी दी जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य एवं पोषण को बढ़ावा देने के लिए विभाग की ओर से समुदाय स्तर पर सघन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं। गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों के घरों पर आशा व एएनएम द्वारा गृह भ्रमण किया जा रहा है। वहीं एनिमिया अभियान के तहत लक्षित गर्भवती महिलाओं, किशोर-किशोरियों, बच्चों की हीमोग्लोबिन जांच पोषण पखवाड़े के दौरान की जा रही है। इस संबंध में सभी बीसीएमओं, पीएचसी, सीएचसी के प्रभारी अधिकारी को निर्देश भी दिए गए हैं।
मोबाइल हैल्थ टीमों ने की एनिमिया जांच जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले में कार्यरत 16 मोबाइल हैल्थ टीमों द्वारा बुधवार को आंगनबाडी केंद्रों व शिक्षण संस्थाओं में जाकर किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य के साथ एनिमिया की जांच की। इस दौरान किशोर-किशोरियों को रक्त की कमी से होने वाली बीमारियों व समस्याओं के प्रति सचेत किया गया और पोषण युक्त आहार की जानकारी दी।