प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा, पर्यटन एवं देवस्थान राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह मंशा है कि राजस्थान में प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ स्कूलों में क्वालिटी की शिक्षा तथा संस्कारी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि पहले अजमेर, कोटा सहित अन्य जिलों का नाम शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी था, परन्तु आज समय ने करवट ली और आज शिक्षा का महत्व इतना बढ़ गया है, कि हमारी शेखावाटी शिक्षा में अपना अलग मुकाम बना चुकी है। वे रविवार को डूण्डलोद में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में बंद पड़े 20 हजार विद्यालयों की संवीक्षा की जाएगी और उनमें से आवश्यकतानुसार स्कूलों को वापस भी खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने नवाचार करते हुए प्रत्येक शनिवार को ग्राम पंचायत की स्कूलों के बच्चों की बाल सभाओं के आयोजन सावर्जनिक चौक में करने का निर्णय लिया है, जिससे विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर का मूल्याकंन किया जा सकेगा और ग्रामीणों का भी स्कूल के प्रति जुड़ाव होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के साथ -साथ निजी शिक्षण संस्थानों का भी शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक पूंजी है, जो ना तो चोरी हो सकती है और ना ही समाप्त होे सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा से बढ़कर कुछ नहीं है, अगर किसी निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा नियमों के विरूद्ध बच्चों को या उनके अभिभावकों को परेशान किया गया, तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। वहीं सरकार की मंशा है कि निजी शिक्षण संस्थाओं की समस्याओं को दूर किया जाएगा।