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परिवहन व विद्युत कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन

भारतीय मजदूर संघ से संबंधित श्रम संगठनों ने

जयपुर, भारतीय मजदूर संघ से संबंधित श्रम संगठन परिवहन फैडरेशन के कार्यकर्ताओ द्वारा सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण, श्रम कानूनों को निलंबित करने, प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने सहित राज्य सरकार द्वारा की जा रही रोडवेज विभाग की अनदेखी के विरोध में रोडवेजकर्मियों ने जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। भारतीय मजदूर संघ, परिवहन मजदूर महासंघ, विद्युत मजदूर संघ के आह्वान पर पूरे देश में जिला मुख्यालयों पर सरकार जगाओ सप्ताह कार्यक्रम के तहत परिवहन, विद्युत एवं नीजि परिवहन के सामूहिक प्रदर्शनों के क्रम में शनिवार को रोडवेज कर्मियों ने प्रदर्शन किए। उदयपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए परिवहन मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार रोडवेज कर्मचारियों की सहानभूति प्राप्त कर तथा रोडवेजकर्मियों को सातवां वेतनमान देने, नई बस खरीदने, नई भर्ती करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया भुगतान का वादा कर सत्ता में आयी थी। लेकिन सरकार बनने के बाद वादों को भूलकर कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। यदि समय रहते सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों से किये वादे को निभाए तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बीएमएस की प्रदेश मंत्री मनीषा मेघवाल ने कहा कि रोडवेज में महिलाओं को राज्य सरकार के अनुरूप प्रसूति अवकाश, मातृत्व अवकाश, चाइल्ड केयर लिव भी नही दिया जा रहा है। साथ ही कई आगारो में महिला परिचालक से रात्री 8 बजे बाद भी डयूटी ली जा रही है। इस पर भी निगम प्रशासन को चिंतन करना चाहिए। परिवहन कर्मियों ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम 19 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री दीनानाथ रूंथला ने बताया कि सरकार की नीतियों के विरोध में सरकार जगाओ सप्ताह के तहत शुक्रवार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा था। इसी प्रकार शनिवार को विद्युत व परिवहन सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे हैं। आगामी दिनों में अलग—अलग संगठन 30 जुलाई तक लगातार प्रदर्शन करेंगे।

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