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परमात्मा का नाम लेने मात्र से कल्याण संभव है – राधामोहन शरण

संगति का जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है गलत दिशा में चल रही भीड़ से ज्यादा अच्छा है सही दिशा में अकेला चल देना चाहिए यह बात चौकड़ी का धर्मशाला में चल रही भागवत कथा की विश्राम दिवस पर व्यासपीठ से बोलते हुए जगद्गुरु राधा मोहन शरण देवाचार्य ने कही उन्होंने कहा भागवत कथा सदैव सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। महाराज ने यह भी कहा कि राजनीति का क्षेत्र संतो के लिए नहीं है राजनीति एक फिसलन भरी राह हैं जो संतों के लिए ठीक नहीं है। भागवत समापन सत्र में भागवत सार सुदामा चरित्र की व्याख्या करते हुए व्यास पूजन के साथ कथा को विराम दिया गया। आयोजन समिति की ओर से कार्यक्रम में प्रदान किए गए सहयोग के सभी सहयोगियों को आभार प्रकट किया गया। समिति के जानकी प्रसाद इन्दोरिया ने बताया कि कार्यक्रम में पूर्ण आहुति के अवसर पर मुख्य यजमान सीताराम महर्षि, शिवदान सिंह चारण, गिरधारी पंसारी, सुभाष जोशी, अर्जुन कुमावत, मुरारी लाल शर्मा, मंजू लाटा, सत्यभामा सैनी, राजकुमारी शर्मा सही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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