चुरूताजा खबर

चूरू जिले में धारा 144 अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू

जन सुरक्षा एवं लोक परिशांति बनाए रखने के लिए

चूरू, जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने जिले में जन सुरक्षा एवं लोक परिशांति बनाए रखने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू करने के आदेश दिए हैं। आदेश के अनुसार, चूरू जिले की सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में सार्वजनिक मार्गों एवं स्थलों पर बिना सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के समस्त प्रकार की रैली, जुलूस, प्रदर्शन एवं सभा इत्यादि के आयोजन पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा। इसके अतिरिक्त विवाह समारोह, बारात एवं शवयात्रा पर यह प्रतिबन्ध लागू नहीं होगा। किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 05 या अधिक व्यक्तियों का बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के एकत्रित होना प्रतिबंधित होगा। सार्वजनिक मार्गों एवं स्थलों पर रैली, जुलूस, प्रदर्शन एवं सभा आदि के आयोजन की पूर्व अनुमति संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट से प्राप्त करना अनिवार्य होगा। सक्षम प्राधिकारी स्थिति की समग्र समीक्षा कर यथा आवश्यक शर्तों को अधिरोपित करते हुए इस प्रकार की रैली, जुलूस, प्रदर्शन एवं सभा की अनुमति प्रदान कर सकेंगे। सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस प्रकार जारी अनुमति के साथ अधिरोपित शर्तों की अक्षरशः पालना करना आयोजकों एवं प्रतिभागियों के लिए बाध्यकारी होगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र लेकर सार्वजनिक स्थानों पर विचरण नहीं करेगा। यह प्रतिबन्ध शस्त्र अनुज्ञापत्र के नवीनीकरण एवं थाने पर जमा कराने हेतु विचरण करने तथा पुलिस, होमगार्ड, सेना, केन्द्रीय सुरक्षाबलों तथा राज्य एवं केन्द्र सरकार के ऎसे कर्मचारी जो अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए हथियार रखने हेतु अधिकृत है, पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ लेकर नहीं चलेगा और न ही इनका सार्वजनिक स्थल पर प्रदर्शन या उपयोग कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति, समूह या संस्था इन्टरनेट तथा सोशल मीडिया तथा फेसबुक, ट्विटर, वाट्सअप, यू-ट्यूब आदि के माध्यम से कोई भी भड़काऊ मैसेज नहीं डालेगा, ना ही आगे फॉरवर्ड करेगा, जिससे शान्ति व्यवस्था तथा लोक शान्तिभंग होने की किसी भी प्रकार की संभावना उत्पन्न हो। कोई भी व्यक्ति न तो स्वयं अफवाह फैलायेगा एवं ना ही ऎसा कृत्य करने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करेगा। यदि कोई व्यक्ति, समूह या संस्था प्रतिबन्धात्मक आदेश का उल्लंघन करेगा, तो वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों के अन्तर्गत अभियोजित किया जा सकेगा। निषेधाज्ञा 28 जुलाई, 2022 की मध्य रात्रि तक या इससे पूर्व निरस्त किए जाने पर उस दिनांक तक प्रभावशील रहेगी।

Related Articles

Back to top button