पश्चिम कश्मीर के पुलवामा जिले में गत शनिवार को तीन आतंकवादियों को ढेर कर मातृ भूमि की रक्षा करते हुए वीर गति को प्राप्त हुए रतनगढ के भींचरी गांव के वीर सपूत स्वर्गीय श्री किशनसिंह बिदावत का आज उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। किशनसिंह के पार्थिव देह को आज सुबह बीकानेर से उनके पैतृक गांव भींचरी में भारतीय सेना की 20 लॉसर रैजिमेन्ट के जवानों एवं अधिकारियों द्वारा लाया गया। शहीद के पार्थिव देह पर जगह-जगह भारी भीड़ द्वारा पुष्प वर्षा करते हुए श्रृद्धांजलि दी। शहीद की पार्थिव देह भींचरी में पहुंचते ही हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने ‘‘भारत माता की जय’’ एवं ‘‘शहीद किशनसिंह अमर रहे’’ के नारों के बीच पार्थिव देह को भाव भीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की। भारी भीड़ के बीच भारतीय सेना के जवानों एवं राजस्थान पुलिस के जवानों द्वारा पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर पहुंचाया गया। श्री किशनसिंह की पैतृक भूमि पर अंतिम संस्कार के लिए पूरे राजकीय सम्मान के साथ ले जाया गया। इस गमगीन माहौल में भींचरी गांव की हर सड़क, गली, मौहल्ले की छतों पर ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए जुटे रहे। शहीद श्री किशनसिंह की पार्थिव देह पर सांसद राहुल कस्वां, रतनगढ विधायक अभिनेष महर्षि, जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी, पूर्व विधायक रतनगढ राजकुमार रिणवां सहित 20 लॉसर रेजीमेन्ट के कमाडिंग ऑफिसर कर्नल भवानी सिंह उपाध्याय, 55 राष्ट्रीय राइफल के कमाडिंग ऑफिसर कर्नल प्रदीप दुग्गल ने पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रृद्धांजलि अर्पित की तथा शहीद को 55 राष्ट्रीय राइफल के जवानों ने सशस्त्र सलामी एवं गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद श्री किशनसिंह के पांच वर्षीय पुत्र ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। शहीद के परिवार में उनकी मां मुन्नी कंवर, पत्नि संतोष कंवर एवं दो छोटे बेटे एक पांच वर्षीय एवं एक दो वर्ष है।
-पूर्व मुख्यमंत्री ने बंधाया शहीद के परिवार को ढांढस ः- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को शहीद किशनसिंह के पैतृक गांव भींचरी पहुचंकर उनके परिवार को ढांढस बंधाया एवं उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रृद्धांजलि अर्पित की। श्रीमती राजे के साथ पूर्व केबीनेट मंत्री एवं वर्तमान चूरू विधायक राजेन्द्र राठौड़ भी उपस्थित थे।