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वर्तमान समय में देश लोकसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है तो लाजमी है हर लोकसभा क्षेत्र से संभावित उम्मीदवार अपनी अपनी दावेदारी जतायेगे। कांग्रेस की ही बात करें तो सूरजगढ़ से पूर्व विधायक श्रवण कुमार जोर शोर से अपनी दावेदारी कर रहे हैं या कह सकते हैं कि अपनी टिकट को लेकर ज्यादा ही बेताब है जिला मुख्यालय पर फीडबैक के लिए जब जब कांग्रेस की मीटिंग हुई है उसमें इनके समर्थकों ने खूब नारे लगाए जो यह दर्शाता है। लेकिन सबको पता है कि कांग्रेस की टिकट दिल्ली से ही जारी होगी। जिले के दिग्गज नेता रहे पदमश्री शीशराम ओला का लंबे समय तक झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र पर दबदबा रहा और आज भी आलाकमान उनको मानता है। पिछली बार उनकी पुत्रवधू राजबाला ने संतोष अहलावत के सामने चुनाव लड़ा था लेकिन वो मोदी लहर के चलते सफल नहीं हो सकी थी। सूत्रों की मानें तो अबकी बार भी राजबाला ओला की टिकट पक्की मानी जा रही है क्योंकि इसके लिए एक प्लान तैयार कर लिया गया है। श्रवण कुमार के समर्थक यह तर्क देते हैं कि वह 5 बार विधायक रह चुके हैं इस आधार पर लोकसभा क्षेत्र से टिकट मांग रहे हैं वहीं राजबाला ओला समर्थक लॉबी ने एक प्लान के तहत पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह का नाम आगे लाने का मन बना लिया है तर्क ये है कि वो 9 बार विधायक रह चुके हैं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुकी हैं ऐसी स्थिति में बड़े कद की बात आती है तो सुमित्रा सिंह अपने आप में बहुत बड़ा नाम है और वह मूल रूप से कांग्रेसी भी रह चुकी हैं। वही सुमित्रा सिंह ने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि उनको पार्टी टिकट देती है तो वे चुनाव लड़ेगी और जीतेगी भी। उनकी यह आकांक्षा इस बात को बल देने के लिए काफी है। इस स्थिति को देखकर आलाकमान का फैसला फिर से एक बार राजबाला ओला के साथ जा सकता है क्योंकि अभी भी लोकसभा क्षेत्र में लोग शीशराम ओला को भूल नहीं पाए है। ऐसी स्थिति को देखते हुए राजबाला के साथ सिंपैथी वोट भी जाने के प्रबल आसार हैं। वही श्रवण विधायक चुनाव हारे है तो बृजेन्द्र ओला ने लगभग 40 हजार की बम्पर जीत हासिल की है उसको भी नजरअंदाज करना मुश्किल है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए लगता है कि सूरजगढ़ पूर्व विधायक श्रवण कुमार की दावेदारी खतरे में पड़ गई है। कुछ लोगो का कहना है कि जो अपने क्षेत्र में एक नए उम्मीदवार से मात खा चुके है उनको लोकसभा चुनाव में टिकट देकर पार्टी रिश्क लेने के मूड में कतई नहीं है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे डॉ चंद्रभान भी रेश में शामिल है। फ़िलहाल लोकसभा चुनाव में किसको टिकट मिलेगी यह तो फैसला भविष्य के गर्भ में है लेकिन सत्ता प्राप्ति के लिए टिकट की होने वाली दौड़ में राजबाला ओला ही आगे दिखाई पड़ती है।